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Flood in Muzaffarpur: औराई के एक दर्जन गांवों के 12 सौ घरों में घुसा पानी, कटरा में बिजली आपूर्ति ठप

बकुची पावर ग्रिड में पानी घुसने के कारण कटरा में विद्युत आपूर्ति ठप हो गया। वहीं औराई के एक दर्जन गांवों के 12 सौ घरों में बाढ़ का पानी घुसा। बागमती बांध पर शरण ले रहे विस्थापित।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 08:36 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 08:36 PM (IST)
Flood in Muzaffarpur: औराई के एक दर्जन गांवों के 12 सौ घरों में घुसा पानी, कटरा में बिजली आपूर्ति ठप
Flood in Muzaffarpur: औराई के एक दर्जन गांवों के 12 सौ घरों में घुसा पानी, कटरा में बिजली आपूर्ति ठप

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बागमती के जलस्तर में लगातार चौथे दिन वृद्धि से बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई। जलप्लावन से सड़कें वीरान हो गर्इं। गुलजार रहने वाले बकुची चौक पर सन्नाटा छाया रहा। दुकानदार बोरिया बिस्तर समेत पलायन कर गए। लगभग दो दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। निचले भूभाग पर बसे डेढ़ सौ लोगों के घर में पानी घुस गया। पीडि़तों ने पड़ोसियों की छतों पर शरण ले रखी है। कटरा प्रखंड मुख्यालय का संपर्क कटरा उत्तरी भाग की 14 पंचायतों से भंग हो गया है। लगभग डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित हो गई है। बाढ़ पीडितों के सामने विकट समस्या बनी हुई है, लेकिन अबतक किसी ने सुध नहीं ली है।

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पशुओं को बांध तथा ऊंचे ठिकाने पर रखा गया

 सोमवार को जलस्तर में लगभग डेढ़ फीट की वृद्धि हुई। इसके साथ ही बाढ़ का पानी आधा दर्जन नए क्षेत्रों में प्रवेश कर गया। निचले भूभाग में बसे सैकड़ों घरों में पानी घुस जाने से जीवनयापन कठिन हो गया। पतांरी, बकुची, अंदामा, गंगेया और माधोपुर के दर्जनों परिवार बेघर हो गए। अब तक सरकारी स्तर पर कोई मदद नहीं मिली है। लोग पड़ाोसियों के रहमोकरम पर टिके हैं। कटरा प्रखंड में नाव की किल्लत है। महज दो सरकारी नाव हैं जिसे परिचालन का आदेश मिला है। वहीं, 4 निजी नावें चलाई जा रहीं हैं। बाढ़ पीडि़तों के सामने पशुपालन भारी चुनौती बन गई है। पशुओं को बांध तथा ऊंचे ठिकाने पर रखा गया है जिनके लिए चारे का प्रबंध कठिन हो रहा है। लोग बांधों से या बगीचे से चारा काटकर खिला रहे हैं।

सड़क टूटने का बना हुआ हैं खतरा 

 मझौली- कटरा मार्ग में दरगाह के पास मुख्य सड़क पर पानी का दबाव बढ़ गया। यहां सड़क टूटने का खतरा बना हुआ है। ऐसा होने पर जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो सकता है। बखरी-सोनपुर मार्ग में रिसाव होने लगा है जिसे बचाने में ग्रामीण जुटे हुए हैं। मोहनपुर स्थित स्लूस गेट में तेजी से पानी का रिसाव होने लगा है जिससे खतरा उत्पन्न हो गया है। बेनीबाद-औराई मार्ग में बसघटृा से बर्री तक छह किमी में सड़क पर 3 से 5 फीट पानी बहने से आवागमन ठप पड़ गया है। गंगेया हाईस्कूल में तीन फीट पानी बह रहा है।

औराई के एक दर्जन गांवों के 12 सौ घरों में घुसा पानी

बागमती, लखनदेई व मनुषमारा नदियों के जलस्तर में सोमवार को पांचवें दिन भी वृद्धि जारी रही। बागमती के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से बागमती परियोजना उत्तरी और दक्षिणी बांध के बीच बसे एक दर्जन गांव के 12 सौ घरों में बागमती का पानी प्रवेश कर गया है। प्रशासनिक स्तर पर आबादी को सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाने के लिए नौ नावें चलाई जा रही हैं। वहीं लोग निजी नाव से भी आवागमन कर रहे हैं। घरों में पानी प्रवेश कर जाने से लोग विस्थापित होकर बागमती परियोजना बांध पर शरण ले रहे हैं।

 बभनगामा गांव के मो खुर्शीद, मो कलाम, अनिल चौधरी ने बताया कि घरों में दो फीट बाढ़ का पानी आ गया है जिस कारण बांध पर आ गए हैं। मो आफताब आलम ने कहा कि सरकार अगर पुनर्वास की जमीन दे दी रहती तो लोग अपनी जगह पर झोपड़ी बनाकर रहते। लोगों को हर वर्ष बाढ़ का दंश झेलना नहीं पड़ता। इधर, लखनदेई व मनुषमारा के जलस्तर में वृद्धि होने से प्रखंड के नए क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी फैलना शुरू हो गया है।

 राजखंड,रामखेतारी, मधुबन, गंगुली, घनश्यामपुर, धरहरवा, मधुबन बेशी, अंबेदकर नगर, चैनपुर, रामपुर, रतवारा, शंभूता,महेशस्थान,सिमरी,ससौली,चंडिहा,औराई समेत कई गांव के खेतों मे लगी धान की फसल डूब गई है। सीओ ग्यानानंद ने बताया कि बाढ़पीडि़तों के आवागमन के लिए नौ नावें विभिन्न जगहों पर चलाई जा रही हैं। जरूरत के अनुसार नाव की संख्या बढ़ाई जाएगी।


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