जिले की दो प्रखंडों में कचरे से बनेगी खाद, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली होगी स्थापित
योजना के तहत गांवों से निकलने वाला जैविक व अजैविक कचरा अलग-अलग एकत्रित किया जाएगा, कचरा वाहन से एकत्रित होंगे।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले के दो प्रखंडों में कचरे से खाद बनेंगे। स्वच्छ भारत मिशन के तहत कांटी व सकरा प्रखंड का चयन किया गया। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के माध्यम से ठोस तरल कचरा प्रबंधन (एसएलडब्यलूएम) प्रणाली स्थापित की जाएगी। प्रथम चरण में कांटी के साइन और सकरा के विशनपुर बघनगरी पंचायत का चयन किया गया है।
योजना के तहत गांवों से निकलने वाला जैविक व अजैविक कचरा अलग-अलग एकत्रित किया जाएगा। कचरा वाहन से एकत्रित होंगे। इस वाहन के दो पार्ट होंगे, एक में जैविक कचरा यानी बचा हुआ खाना, फल, सब्जी के छिलके, गोबर आदि डाला जाएगा। जबकि दूसरे में टीन-टप्पर, प्लास्टिक, टूटे-फूटे जूते चप्पल, कांच, बोतलें, पालीथिन रहेगा।
कचरा एकत्रित होगा शेड में
गांव में एक स्थल निर्धारित किया जाएगा जहां एक शेड रहेगा। जैविक कचरा व अजैविक कचरे का अलग-अलग निस्तारण होगा। जैविक कचरे से केचुआ खाद बनाई जाएगी, जबकि अजैविक कचरे को कबाडिय़ों को बेच दिया जाएगा। जो खाद बनेगी, उसे भी किसानों, बागवानी व नर्सरी वालों को बेचा जाएगा। इस तरह से जहां कूड़ा-कचरा इधर-उधर नहीं फैलेगा और वातावरण शुद्ध रखने में मदद मिलेगी, वहीं ग्राम पंचायत की आय के साधन बढ़ेंगे। कचरा प्रबंधन को लेकर 12 दिवसीय कार्ययोजना तैयार कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
समिति को होगा गठन
स्वच्छ भारत मिशन की यह एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विलेज वाटर सेनिटेशन समिति भी गठित की जाएगी। समिति में प्रत्येक गांव के गणमान्य और ईमानदार लोगों को शामिल किया जाएगा।