उधार लेकर जमादार ने की धोखाधड़ी, आठ वर्ष पहले वारंट जारी पर अब तक नहीं हो सकी गिरफ्तारी East Champaran News
पूर्वी चंपारण के जमादार ने दो लाख उधार लेकर धोखाधड़ी की है। इस मामले में न्याययलय ने आठ वर्ष पूर्व ही वारंट जारी किया था। पर उसकी गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। मुजफ्फरपुर में पदस्थापना के दौरान विश्वास में लेकर दो लाख रुपये कर्ज लेने के बाद धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। इस मामले में न्यायालय से वारंट जारी होने के बाद भी पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर रही है। इससे मामले के शिकायतकर्ता मुजफ्फरपुर जिला के रसूलपुर जिलानीचक्र रोडनिवासी दवा व्यवसायी कृष्ण गोपाल श्रीवास्तव अधिकारियों के दरवाजे पर ऐडियां रगडऩे को विवश हो रहे हैं।
यह है पूरा मामला
बताया जाता है कि जिले के ढाका थाना क्षेत्र के बड़हरवा सीबन गांव निवासी जमादार गुद्दर प्रसाद के खिलाफ मुजफ्फरपुर जिला के सबजज 7 के न्यायलय से आठ वर्ष पहले वारंट जारी है। श्री श्रीवास्तव के अनुसार पिछले आठ वर्ष से न्यायलय द्वारा जारी वारंट मोतिहारी एसपी कार्यालय को भेजा गया, जिसे ढाका थाना को भी भेजा गया। मगर वहां की पुलिस ने उस वारंट को दबा दिया है।
दवा व्यवसायी कृष्ण गोपाल श्रीवास्तव के अनुसार गुद्दर प्रसाद जब मुजफ्फरपुर के काजी मोहम्मदपुर थाना में जमादार के रुप में पदस्थापित थे तब उनकी उनसे जान पहचान हुई। जमादार उनकी दुकान से दवा लेते थे। विश्वास व परिचय बढऩे के बाद दवा व्यवसायी से उन्होंने दिल्ली में फ्लैट खरीदने के लिए दो लाख नकदी कर्ज के रुप में लिया।
कुछ दिन बीत जाने के बाद जब रुपये वापस नहीं मिला तो जमादार गुद्दर प्रसाद ने उन्हें एसबीआई का एक चेक दिया। जब उस चेक को दवा व्यवसायी ने अपने खाता में डाला तो पैसा के अभाव में चेक बाउन्स कर गया। तब उन्होंने कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए वकालतन नोटिस भेजी। इसके बाद भी पैसा नहीं दिया तो सबजज 7 के न्यायालय में केस दर्ज कराया। मामले में कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए पहले सम्मन फिर उपस्थिति दर्ज नहीं होने पर 6 मार्च 2013 व 12 दिसम्बर 2013 को न्यायलय ने वारंट निर्गत किया। बावूजद इसके पुलिस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर सकी।
इस बारे में मोतिहारी के पुलिस अधीक्षक नवीन चन्द्र झा ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है। मामले की जांच कराकर उक्त जमादार की गिरफ्तारी की जाएगी। इस मामले में ढाका के पुलिस निरीक्षक को आदेश दिया गया है। साथ ही यह भी पता किया जाएगा कि आखिर किसकी चूक से यह मामला इतनी लंबी अवधि तक लंबित रहा।