Move to Jagran APP

VTR की बदली फिजा में बढ़ रहा बाघों का कुनबा, 40 से अधिक बाघ होने की उम्मीद, इस वजह से संभव हुआ ऐसा

VTR 10 वर्षों में पांच गुना हुई बाघों की संख्या। वर्ष 2010 में महज आठ बाघों के बचे होने की पुष्टि के बाद सरकार के समक्ष बाघों का अस्तित्व बचाने की चुनौती खड़ी हो गई थी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 09:04 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 09:04 AM (IST)
VTR की बदली फिजा में बढ़ रहा बाघों का कुनबा, 40 से अधिक बाघ होने की उम्मीद, इस वजह से संभव हुआ ऐसा
VTR की बदली फिजा में बढ़ रहा बाघों का कुनबा, 40 से अधिक बाघ होने की उम्मीद, इस वजह से संभव हुआ ऐसा

पश्चिम चंपारण, [विनोद राव]। बिहार के इकलौते बाघ संरक्षित क्षेत्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में बीते 10 वर्षों में बाघों की संख्या पांच गुना बढ़ गई है। यहां 40 से अधिक बाघ होने की उम्मीद है। देशभर में बाघों की संख्या के सर्वे में यह अग्रणी माना जा रहा है।

loksabha election banner

2010 के आंकड़े चिंताजनक

वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि 990 वर्ग किमी में फैले टाइगर रिजर्व का दर्जा वर्ष 1994 में मिला था। तब यहां बाघों की संख्या छह दर्जन के आसपास थी। इसके बाद शिकारियों की नजर लग गई। शिकार के कारण इनकी संख्या घटती गई। वर्ष 2010 के आंकड़े चिंता उत्पन्न करनेवाले थे। उस समय महज आठ बाघों के बचे होने की पुष्टि के बाद सरकार के समक्ष बाघों का अस्तित्व बचाने की चुनौती खड़ी हो गई।

संख्या बढ़ाने के लिए किए गए बदलाव

सरकार ने बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाने के लिए रिजर्व क्षेत्र में कई बदलाव किए। बजट में भी बढ़ोतरी की गई। वर्ष 2020-21 का बजट 13 करोड़ रुपये है। शाकाहारी जानवरों के लिए ग्रास लैंड विकसित किए गए। 25 वाटर हॉल का निर्माण कराया गया। शिकार निरोधी दस्ते का गठन हुआ। एक ड्रोन कैमरा लगाया गया है। इसका असर अगले कुछ वर्षों में दिखा और बाघों की संख्या बढ़ती गई। बाघों की गिनती के लिए करीब 300 कैमरे लगाए गए। करीब 10 वर्षों की निगरानी के बाद परिणाम सामने है।

बाघों की धारियां गिनती का आधार

बाघों की गिनती के लिए उनकी आवाजाही वाले मार्ग के दोनों ओर कैमरे लगा दिए जाते हैं। बाघ उस मार्ग से गुजरता है तो कैमरा ट्रैप में उसकी तस्वीर कैद हो जाती है। बाद में बाघों के शरीर पर बनी धारियों का मिलान किया जाता है। वीटीआर में बाघों की गिनती की रिपोर्ट की जांच राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) करता है। हर चार वर्ष बाद बाघों की गिनती कर रिपोर्ट देहरादून भेजी जाती है। यहां पहले बाघों के पगमार्क से गणना की जाती थी, लेकिन 2006 से ट्रैप कैमरे का इस्तेमाल हो रहा है।

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, पश्चिम चंपारण के मुख्य वन संरक्षक एचके राय ने कहा कि टाइगर रिजर्व में हाल में एक बाघिन अपने शावकों के साथ देखी गई है। बाघों की संख्या का बढऩा शुभ संकेत है। बाघों की वर्तमान संख्या का आंकड़ा जारी होना शेष है, रिपोर्ट प्रेषित की जा चुकी।

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या

   वर्ष       कुल बाघ

2000-01- 30

2005-06- 18

2010-11- 08

2013-14- 28

2018-19- 36 से 38

2019-20- 40 से अधिक

(आधिकारिक आंकड़ा जारी होना शेष) 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.