VTR अब तेजी से बढ़ रहा राष्ट्रीय पक्षी मोर का कुनबा, इस तरह यह सब हो सका संभव
VTR में पहले थे गिने-चुने मोर अब इनकी संख्या 200 से अधिक। सभी वन क्षेत्रों में मोर की उपस्थिति से अधिकारी उत्साहित। जारी पर्यटन सत्र में पर्यटक मोरों का दीदार कर सकें इसके लिये वीटीआर प्रशासन ने विशेष तैयारी की है।
पश्चिम चंपारण, [ अर्जुन जायसवाल ]। वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) की आदर्श आबोहवा न सिर्फ बाघों, बल्कि राष्ट्रीय पक्षी मोर को भी रास आ रही है। यही कारण है कि हाल के दिनों में इनकी संख्या बढ़ी है। जारी पर्यटन सत्र में पर्यटक मोरों का दीदार कर सकें, इसके लिये वीटीआर प्रशासन ने विशेष तैयारी की है।
वीटीआर के अधिकारी मोरों के संरक्षण व उनकी संख्या बढ़ाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं। उनके लिये पर्याप्त प्राकृतिक भोजन और माहौल की व्यवस्था की गई है। साथ ही अन्य क्षेत्रों से रेस्क्यू कर लाए जाने वाले मोरों को भी उदयपुर व वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र में छोड़ा जाता है। यही वजह है इनकी संख्या बढ़कर दो सौ से अधिक हो गई है। हरनाटांड़, वाल्मीकिनगर, गोनौली, मदनपुर, चिउटाहां, मंगुराहा, गोबद्र्धना व रघिया वन क्षेत्रों में मोरों की आवाज गूंज रही है। जब भी बारिश होती है तो इन वन क्षेत्रों में सड़क किनारे मोरों के झुंड दिखते हैं।
टूरिज्म हब के रूप में विकसित हो रहा : वीटीआर को टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां पर्यटकों के आवास व भोजन के साथ-साथ जंगल सफारी, साइकिलिंग, बोट राफ्टिंग आदि की व्यवस्था की गई है। अब मोरों के नृत्य को भी पर्यटकों के मनोरंजन में जोड़ा गया है। वीटीआर के मुख्य वन संरक्षक एचके राय का कहना है कि वीटीआर में मोरों की संख्या में बढ़ोतरी सुखद है। जंगल सफारी का रूट इस तरह से बनाया गया है कि पर्यटक मोरों का दीदार कर सकें। इनके संरक्षण व संवद्र्धन के लिए एक प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है।