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घड़ियालों की सुरक्षा के लिए वीटीआर प्रशासन ने की पहल, जल संसाधन विभाग करेगा मदद

Valmiki Tiger Reserve गंडक बराज से अचानक पानी छोडऩे से घडिय़ालों के प्रजनन केंद्र को खतरा। वीटीआर प्रशासन विभाग की मदद से संरक्षण पर करेगा काम बैठक जल्द।

By Murari KumarEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 09:47 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 09:47 PM (IST)
घड़ियालों की सुरक्षा के लिए वीटीआर प्रशासन ने की पहल, जल संसाधन विभाग करेगा मदद
घड़ियालों की सुरक्षा के लिए वीटीआर प्रशासन ने की पहल, जल संसाधन विभाग करेगा मदद

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। गंडक नदी में घडिय़ालों की सुरक्षा एवं संवद्र्धंन के लिए वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) प्रशासन ने पहल की है। इसमें जल संसाधन विभाग की मदद ली जाएगी। वह घडिय़ालों के प्राकृतिक प्रजनन केंद्रों की सुरक्षा में प्रमुख भूमिका निभाएगा। 

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 वीटीआर प्रशासन ने वर्ष 2018 में घडिय़ालों को लेकर सर्वेक्षण कराया था। इसमें वाल्मीकिनगर से सोनपुर तक के 320 किलोमीटर में 250 घडिय़ाल पाए गए थे। गंडक में इनकी संख्या नियमित रूप से मिली। सर्वेक्षण में यह भी बात सामने आई कि गंडक बराज एवं अन्य इलाके में घडिय़ालों के आधा दर्जन प्रजनन केंद्र थे। लेकिन, पानी के दबाव से दो केंद्र नष्ट हो गए हैं। अन्य पर भी इसी तरह का खतरा है। इसे देखते हुए वीटीआर प्रशासन ने वार्षिक कार्ययोजना से अलग एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। इस पर घडिय़ालों के संरक्षण एवं संवद्र्धंन के लिए 12.5 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं।

 अब वीटीआर प्रशासन फिर से सर्वेक्षण कराएगा। इसके अलावा घडिय़ालों के लिए सुरक्षित क्षेत्र की भी तलाश होगी, जहां बाहरी हस्तक्षेप नहीं हो। वातावरण शांत हो। साथ ही घडिय़ालों के प्रजनन केंद्र की सुरक्षा में सबसे अहम बात गंडक बराज है। इसे लेकर वीटीआर प्रशासन जल संसाधन विभाग की मदद लेगा। विभाग के जिला एवं राज्य स्तर के पदाधिकारियों के साथ दो अलग-अलग बैठकें जल्द होंगी। इसमें गंडक बराज से निकलने वाले पानी के दबाव को कम करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

 क्षेत्र निदेशक वीटीआर एचके राय का कहना है कि प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद घडिय़ालों के संरक्षण की दिशा में काम तेज कर दिया गया है। 


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