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क्या आपकाे मतदाता पहचान पत्र मिल गया है...अगर नहीं तो जल्द से जल्द यह काम करें

पर्याप्त जानकारी नहीं होने के कारण तीन हजार से अधिक मतदाताओं के मतदाता पहचान पत्र वापस लौट आए हैं। सभी ईआरओ को पते का सत्यापन कर वितरण करने का आग्रह किया गया है। बेंगलुरू से एजेंसी द्वारा तैयार ईपिक मतदाताओं के पते पर डाकघर के माध्यम से भेजा गया।

By Prem Shankar MishraEdited By: Ajit kumarPublished: Sun, 27 Nov 2022 10:54 AM (IST)Updated: Sun, 27 Nov 2022 10:54 AM (IST)
क्या आपकाे मतदाता पहचान पत्र मिल गया है...अगर नहीं तो जल्द से जल्द यह काम करें
मतदाता पहचान पत्र का वापस होना एक और संकेत दे रहा है। प्रतीकात्मक फोटो

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। जिले में हजारों की संख्या में मतदाता के पते पर डाकघर के माध्यम से भेजे गए मतदाता पहचान पत्र (ईपिक) वापस हो रहे हैं। ऐसा इसलिए कि इन पतों पर मतदाता नहीं मिल रहे हैं। इसे देखते हुए जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी सत्य प्रिय ने सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ईआरओ) को पत्र भेजा है। उन्होंने बीएलओ या सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के माध्यम से मतदाताओं का सत्यापन कर ईपिक वितरण कराने का आग्रह किया है। इससे सही मतदाता को ईपिक मिल सकेगा।

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सर्वाधिक मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्र से

उप निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा पत्र के अनुसार बेंगलुरू से एजेंसी द्वारा तैयार ईपिक मतदाताओं के पते पर डाकघर के माध्यम से भेजा गया। इनमें 3127 मतदाता पहचान पत्र मतदाता के पते से वापस हो गए हैं। इनमें सर्वाधिक मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्र से है। यहां 1402 ईपिक वापस हुए। बरूराज विधानसभा में ऐसे 938 ईपिक वापस हुए। उप निर्वाचन पदाधिकारी ने इन ईपिक को प्राप्त करने के लिए सभी ईआरओ से एक कर्मी की प्रतिनियुक्ति का भी आग्रह किया है।

यहां से इतने मतदाता पहचान पत्र लौटै

गायघाट : 12, औराई : तीन, मीनापुर : सात, बोचहां : 85, सकरा : 24, कुढ़नी : 12, मुजफ्फरपुर : 1402, कांटी : 31, बरूराज : 938, पारू : 271, साहेबगंज : 342।

इसलिए पते पर भेजे जा रहे मतदाता पहचान पत्र

विदित हो कि मतदाता सूची की पीएसई प्रक्रिया में यह बात सामने आई थी कि राज्य में ऐसे 46 लाख से अधिक मतदाता हैं जिनकी तस्वीर पर दो-तीन नहीं बल्कि आठ से दस नाम जुड़े हैं। गलती के बावजूद इनकी ओर से संशोधन या नाम डिलीट करने का आवेदन नहीं आने से माना गया कि इनमें से अधिक फर्जी हैं या जान बूझकर बोगस वोटिंग के लिए इतने नाम जोड़े गए हैं। इस कारण आयोग अपने साफ्टवेयर के अलावा डाक विभाग की मदद से भी फर्जी वोटरों की पहचान कर रहा है। इसके तहत ही मतदाताओं के पास मतदाता पहचान पत्र डाक विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे मतदाता के सही पते का सत्यापन हो जाता है। दिए गए पते पर मतदाता के उपलब्ध नहीं होने पर ईपिक जिला निर्वाचन पदाधिकारी को वापस हो जा रहा है।

बीएलओ के माध्यम से बांटे जाएंगे

मुजफ्फरपुर के उप निर्वाचन पदाधिकारी सत्य प्रिय ने कहा कि कई मतदाता पहचान पत्र में पूरा पता दर्ज नहीं है। इस कारण से भी यह वापस हो रहा है। इन मतदाता पहचान पत्र को बीएलओ के माध्यम से सत्यापन कराने के बाद सही मतदाता के पास भेजा जाएगा। वहीं अब नए मतदाताओं के नाम-पते के साथ मोबाइल नंबर लिए जा रहे।


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