चचरी पर रेंग रही लाखों लोगों की जिंदगी, गंगापट्टी घाट पर पुल का अभाव
सीतामढ़ी के पुपरी प्रखंड में घाट पर पुल नहीं होने से परेशानी कायम। आजादी के बाद से अब तक नहीं निर्माण। पुपरी और चोरौत के अलावा दरभंगा और मधुबनी के लोग हो रहे प्रभावित।
सीतामढ़ी, [राकेश श्रीवास्तव]। तीन जिले के लाखों लोगों की जिंदगी आज भी चचरी पर रेंग रही है। कारण जिले के पुपरी प्रखंड की बौरा बाजितपुर और हरदिया पंचायत के बीचोंबीच बहने वाली अधवारा नदी पर पुल का निर्माण नहीं होना है। बरसात के दिनों में तो यह इलाका टापू बन जाता है। सहारा बस नाव का ही बचता है।
अधवारा नदी बौरा बाजितपुर और हरदिया पंचायत को अलग करती है। दोनों को जोडऩे के लिए ग्रामीण जनसहयोग से हर साल तकरीबन 60 मीटर लंबा चचरी का पुल बनाते हैं।
इसी के सहारे आवागमन होता है। इसके अलावा नाव से लोग आते-जाते हैं। यह चचरी पुपरी प्रखंड के गंगापट्टी, केशोपुर पूरा, बौरा, बाजितपुर, रामपुर, हरिपुर, पोखरभिरा के अलावा चोरौत प्रखंड के बर्री, बेहटा, मधुबनी जिले के विशनपुर, बाणगंगा, फुलवरिया और दरभंगा जिले के घोघराहा व सहसपुर समेत दर्जनों गांवों के तकरीबन तीन लाख की आबादी का सहारा है।
सिर्फ आश्वासन ही मिला
बौरा बाजितपुर पंचायत की मुखिया राम प्यारी देवी और हरदिया पंचायत की मुखिया राजकुमारी देवी बताती हैं कि पुल निर्माण की मांग पिछले 30-40 साल से उठ रही है। नेता सिर्फ आश्वासन देते हैं। आम दिनों में चचरी पर ङ्क्षजदगी रेंगती है, लेकिन बरसात के चार माह काफी कष्टदायक होते हैं। अवध किशोर यादव बताते हैं कि उन्होंने दर्जनों आवेदन दिए, कोई सुनवाई नहीं हुई। गांव के रणजीत कुमार, माधव कुमार, रामपरी देवी, नवीन कुमार और देवेंद्र सिंह बताते हैं कि इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
इससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही। बीमार लोगों को इलाज के लिए ले जाना मुश्किल होता है। शादी-विवाह जैसे आयोजन भी प्रभावित होते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुल निर्माण के बाद दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर और नेपाल की दूरी कम हो जाएगी। मधवापुर-पुपरी-नेपाल, पुपरी-सीतामढ़ी-मधुबनी, पुपरी-घोघरडीहा-जाले-दरभंगा-मुजफ्फरपुर की राह आसान हो जाएगी। पुपरी की बीडीओ रागिनी साहू का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद पुल निर्माण के लिए डीएम को पत्र भेजा जाएगा।