ग्रामीणों ने पेश की अनूठी मिसाल: पहले जमीन दान फिर श्रमदान से किया सड़क निर्माण
डुमरा प्रखंड के परसौनी गांव के ग्रामीणों ने पेश की अनूठी मिसाल। धर्मपुर दलित बस्ती के 30 परिवारों को आजादी के बाद मिली सड़क।
सीतामढ़ी, [नीरज]। पहले कीमती भूमि का दान, फिर सामूहिक श्रमदान से बना दी सड़क। कुछ ऐसा ही काम किया है परसौनी के अगड़ी जाति के लोगों ने। उन्होंने वंचित और पिछड़ों के लिए सड़क बनाकर जातिगत एकता की अनूठी मिसाल पेश की है। महज 10 दिन में बनी एक किलोमीटर लंबी सड़क पर अब लोग आसानी से आवागमन कर रहे हैं।
जिला मुख्यालय डुमरा के परसौनी के ग्रामीण आजादी के बाद से एक अदद सड़क से वंचित थे। यहां के धर्मपुर दलित बस्ती के 30 परिवारों की जिंदगी पगडंडी के सहारे चल रही थी। मंडल टोली के लोगों का भी हाल ऐसा ही था। सड़क निर्माण के लिए ग्रामीण अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक के चक्कर काटकर परेशान थे। समस्या का समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीणों ने बैठक कर सामूहिक रूप से अपनी-अपनी कीमती जमीन सड़क के लिए दान देने की घोषणा की।
गांव के सामाजिक कार्यकर्ता विमलेश झा ने पहल करते हुए अपनी चार कट्ठा जमीन दी। फिर सेवानिवृत्त शिक्षक योगेंद्र झा आगे आए और ढाई कट्ठा जमीन दी। अधिवक्ता रामप्रवेश झा, कमलकांत मिश्र, रूपकांत ठाकुर और धर्मेंद्र झा सहित अन्य ने भी जमीन दी। इसके बाद नवंबर में धर्मपुर दलित बस्ती से मंडल टोली तक सड़क निर्माण शुरू हुआ। किसी ने हाथ में कुदाल उठाया तो किसी ने टोकरी। देखते ही देखते 10 दिन में 20 फीट चौड़ी और तकरीबन एक किमी लंबी कच्ची सड़क बन गई। ग्रामीण अब इसे पक्की सड़क बनाने की तैयारी में हैं।
जातिगत एकता का संदेश
इस सड़क से न केवल मंडल टोली के 30 परिवारों की 200 की आबादी की राह आसान हुई, बल्कि लोगों ने इससे समाज और देश को जातिगत एकता का संदेश भी दिया है। दरअसल, इस सड़क की सबसे ज्यादा जरूरत धर्मपुर दलित बस्ती व मंडल टोली को थी। परसौनी मंडल टोली में वंचित और पिछड़े तबके के लोग रहते हैं। जिनके पास केवल रहने भर की जमीन है।
आजादी के बाद से ये लोग पगडंडी के सहारे थे। विमलेश बताते हैं, सड़क निर्माण से इलाके के लोगों की परेशानी दूर हो गई है। अशोक राउत और अरुण कुमार ने बताया कि जो काम जनप्रतिधि नहीं कर सके, उसे सामूहिक एकता से कर दिया गया।
सीतामढ़ी विधायक सुनील कुमार कुशवाहा ने कहा कि परसौनी के ग्रामीणों की पहल सराहनीय है। उन्होंने भूदान और श्रमदान कर नजीर पेश की है। जहां तक संभव होगा उक्त सड़क के विकास के लिए पहल की जाएगी।