पश्चिम चंपारण में ग्रामीणों ने वनकर्मियों को घेरा, गन्ने के खेत में लगाई आग
18 दिन से रिहायशी इलाके में डेरा डाले हुए बाघ लोगों में दहशत। 05 कट्ठा खेत में लगा गन्ना जलकर नष्ट।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। पिछले आठ दिनों से रामनगर प्रखंड के छंगुरही बंजरिया गांव के सरेह में गन्ने के खेत में डेरा डाले बाघ के रेस्क्यू को लेकर वन विभाग की उदासीनता के खिलाफ ग्रामीण रविवार की सुबह में भड़क गए। नियमित रूप से बाघ की गतिविधि पर नजर रखने के लिए तैनात वनकर्मियों एवं ग्रामीणों के बीच बकझक हो गई।
ग्रामीणों ने वनकर्मियों को घेर लिया और जिस खेत में बाघ छुपा हुआ था उस गन्ने में आग लगा दी। किसान रंजन कुमार उपाध्याय के दस कट्ठा खेत में लगा गन्ना जलकर नष्ट हो गया। हालांकि वनकर्मियों से विवाद के बाद गन्ने के खेत में आग लगाए जाने की सूचना पर डीएफओ अंबरीश कुमार मल्ल मौके पर पहुंचे और समझा बुझाकर मामले को शांत कराया।
डीएफओ ने बताया कि वनकर्मियों एवं ग्रामीणों के बीच मामूली विवाद हुआ था। ग्रामीणों ने गन्ने के खेत में आग लगी दी है। इससे पूर्व बाघ अपना लोकेशन बदल चुका था। बाघ की गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। जले हुए गन्ने की आपूर्ति कराने में वन विभाग की ओर से किसान को यथा संभव सहयोग किया जाएगा।
इस संबंध में डीएफओ अंबरीश कुमार मल्ल ने कहा कि गन्ने के खेत में बाघ के छुपने की सूचना थी। गन्ने की आपूर्ति के लिए परेशान किसानों ने गन्ने के खेत में आग लगा दी। इसके पूर्व बाघ लोकेशन बदल चुका था। बाघ की गतिविधि पर नजर रखने के लिए वनकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।