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दरभंगा में निगरानी ने ड्रग इंस्पेक्टर सहित दो को रिश्वत लेते दबोचा, मच गया हड़कंप

निलंबित दुकान को चालू करने के लिए मांगा गया था 60 हजार रुपये, एक ही कार्यालय में 18 वर्षों से डटा था गिरफ्त में आया चतुर्थवर्गीय कर्मी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 29 Nov 2018 03:11 PM (IST)Updated: Thu, 29 Nov 2018 03:11 PM (IST)
दरभंगा में निगरानी ने ड्रग इंस्पेक्टर सहित दो को रिश्वत लेते दबोचा, मच गया हड़कंप
दरभंगा में निगरानी ने ड्रग इंस्पेक्टर सहित दो को रिश्वत लेते दबोचा, मच गया हड़कंप

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। निगरानी की टीम ने गुरुवार को दरभंगा के ड्रग इंस्पेक्टर सहित दो को रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोच लिया। टीम ने दोनों को साथ लेकर पटना रवाना हो गई। निगरानी विभाग की कार्रवाई से ड्रग कार्यालय सहित सिविल सर्जन कार्यालय में हड़कंप मच गया। ड्रग इंस्पेक्टर अवधेश सिंह को निगरानी की टीम ने 60 हजार रुपये रिश्वत की राशि लेते हुए गिरफ्तार किया है। साथ में रिश्वत की राशि वसूलने और बाजार में व्यवसायियों को धमकी देने के आरोप में कार्यालय के चतुर्थवर्गीय कर्मी राजेंद्र यादव को भी टीम पकड़ कर अपने साथ ले गई है।

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   बताया जाता है कि दरभंगा जिले के चर्चित आर्थों चिकित्सक डॉ. आरबी खेतान के नर्सिंग होम में संचालित दवा दुकान सहित शहर के कई बड़े दवा दुकानों को इन दिनों ड्रग इंस्पेक्टर अवधेश सिंह ने 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था। जिसे चालू करने के लिए मोटी रकम की मांग करते थे। जब डॉ. खेतान ने उनसे संपर्क किया तो वे 80 हजार रुपये प्रति वर्ष की दर से रिश्वत देने की मांग की। इस पर शिकायतकर्ता डॉ. खेतान ने इतनी मोटी रकम देने में असमर्थता व्यक्त की। इसके बाद 60 हजार रुपये की मांग की गई।

   इसके बाद डॉ. खेतान पुन: आने की बात कह वापस लौट गए और थक-हारकर तीन दिन पूर्व इसकी शिकायत निगरानी से की। इस मामले में टीम ने बुधवार को सीएस कार्यालय पहुंचकर पहले मुआयना किया। इसके बाद गुरुवार को ड्रग इंस्पेक्टर को दबोचने के लिए जाल बिछाया ।तय कार्यक्रम के तहत डॉ. खेतान रिश्वत की राशि लेकर ड्रग इंस्पेक्टर को देने के लिए कार्यालय पहुंचे। डॉ. खेतान रुपये देकर जैसे ही बाहर निकले टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर अवधेश सिंह को रिश्वत की राशि के साथ दबोच लिया।

   ड्रग इंस्पेक्टर मुजफ्फरपुर जिले का निवासी है और वर्तमान में दरभंगा शहर के मिश्रटोला मोहल्ला में बतौर किरायादार है। बताया गया कि वह शिवहर जिले से 4 जुलाई 2018 को तबादला होकर दरभंगा में योगदान दिया था। इसके बाद वह दवा दुकानदारों से वसूली करने लगा। इधर, गिरफ्त में आए चतुर्थवर्गीय कर्मी राजेंद्र यादव लहेरियासराय थाने क्षेत्र के अभंडा मोहल्ला का निवासी है।

   वह विगत 18 वर्षों से इस कार्यालय में जमा हुआ था। छापेमारी टीम का नेतृत्व पटना निगरानी के डीएसपी गोपाल पासवान ने किया । टीम में इंस्पेक्टर आशिष एकवाल मेंहदी, जहांगीर आलम, मिथिलेश जायसवाल, एएसआई जयप्रकाश, मणिकांत सिंह, सिपाही रामलखन कुमार, धर्मवीर कुमार, मुकेश कुमार सहित बीएमपी की एक सेक्शन फोर्स शामिल रही।


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