कुलपति अपने चैंबर में समय दें, राजभवन से अनुमति लेकर ही छोड़ें मुख्यालय
विवि में प्रोटेकॉल को मेंटेन रखें अधिकारी। 04-05 अप्रैल को नैक पर पटना में कार्यशाला आयोजित। परिसंपत्तियों और देनदारियों से राजभवन को कराएं अवगत।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। राजभवन ने बिहार के सभी कुलपतियों को आगाह किया है कि बिना अनुमति मुख्यालय किसी भी सूरत में नहीं छोड़ें। उन्हें अपने चैंबर में नियमित रूप से बैठने की हिदायत भी दी है। बीते 14 मार्च को राजभवन में आहूत बैठक में कुलाधिपति सह राज्यपाल ने इस बारे में सभी को आगाह कर दिया। इसी के साथ विश्वविद्यालय में प्रोटेकॉल को कायम रखने के भी निर्देश दिए। वित्तीय अनुशासन में पूर्ण पारदर्शिता बतरने की भी हिदायत दी गई है।
साथ ही एसेट्स एंड लायबिलिटी (परिसंपत्तियों और देनदारियों) से राजभवन को यथाशीघ्र अवगत कराने को कहा गया है। यूएमआइएस के जरिए एडमिशन लें। इसी सत्र से इसको लागू करना है। बिहार विश्वविद्यालय की तीन परीक्षाएं स्नातकोत्तर स्तरीय अभी लंबित हैं। गेस्ट फैकल्टी शिक्षकों की बहाली यथाशीघ्र करने के निर्देश भी दिए गए हैं। हालांकि, विश्वविद्यालय ने चुनाव आयोग से अनुमति का अडंग़ा लगाकर बहाली को लटका रखा है।कम से कम दो गांवों को गोद ले विश्वविद्यालय
राजभवन ने इस बात का संकेत भी दिया है कि विभिन्न कोर्सों में यूनिवर्सिटी के द्वारा सिंगल गर्ल चाइल्ड को नामांकन में आरक्षण दिया जा सकता है। सामाजिक दायित्वों के तहत विश्वविद्यालय को कम से कम दो गांवों को गोद लेना चाहिए। इन गांवों को मॉडल गांव के तौर पर विकसित भी करना चाहिए।
शिक्षकों के साथ कर्मचारी भी हों पुरस्कृत
शिक्षक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जर्नल में पेपर पब्लिकेशन के लिए तो कर्मचारी भी अच्छे व नवीन (इनोवेटिव) कार्य के लिए पुरस्कृत किए जाने चाहिए। 28 फरवरी को यूनिवर्सिटी साइंस डे सेलिब्रेशन कैसे मना तथा विजन डॉक्यूमेंट, हैंडबुक ऑफ यूनिवर्सिटी की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय (कलेबर्एशन) के लिए 31 मार्च से पहले सूचना दें। कैंपस को हरा-भरा बनाए रखें। हर परिसर हरा परिसर अभियान चलाएं।
नैक एक्रिडिटेशन व गेस्ट फैकल्टी पर जोर
सभी अंगीभूत कॉलेजों को नैक एक्रिडिटेशन के लिए एआइएसएचई व एसएसआर पर रजिस्टर्ड होना चाहिए। नैक पर 4-5 अप्रैल को पटना में कार्यशाला भी आयोजित की गई है।
बायोमीट्रिक मशीन से ही हाजिरी
विश्वविद्यालय को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह सुनिश्चित करे कि उसके यहां शिक्षकों व कर्मचारियों की हाजिरी बायोमीट्रिक मशीन से ही बन रही है। यह भी बताना है कि सभी मशीनें चालू हालत में हैं या नहीं। कम से कम तीन शिक्षक व स्टाफ ऐसे खोजने हैं जिन्होंने अधिक से अधिक व कम से कम समय विश्वविद्यालय के विभागों और कॉलेजों में दिए हों। इस सूचना के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित होगी।