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महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का हुआ उद्घाटन

कुलाधिपति ने किया उद्यमिता जागरूकता शिविर का उद्घाटन। कहा -विवि की जरूरतों को पूरा करने का होगा प्रयास।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 10:18 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 10:18 PM (IST)
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का हुआ उद्घाटन
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का हुआ उद्घाटन

पूर्वी चंपारण, जेएनएन। महात्मा गांधी केंद्रीय विवि के प्रथम कुलाधिपति पद्मश्री डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि इस विवि का आगे बढऩा न सिर्फ यहां के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए जरूरी है। जमीन समेत तमाम समस्याएं दूर होंगी। सकारात्मक प्रयासों से सबकुछ हासिल होगा। अगले 2-4 वर्षों में स्थिति सुधरेगी। आपकी बातों और जरूरतों को उचित स्थान पर मजबूती से रखूंगा। विवि को आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। आने वाले समय में यह विवि दुनिया की जरूरत बन जाएगा।

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कुलाधिपति गुरुवार शाम विवि परिसर में तीन दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर के उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। कहा कि उद्यमिता समय की मांग है। हम केवल सरकार के भरोसे रोजगार ढूढेंगे तो बात नहीं बनेगी। हमें भविष्यदृष्टा बनना होगा। गांधीजी के चरखा और खादी की चर्चा करते हुए अपने जीवन पर गांधी विचार के प्रभाव को भी बताया।

 कहा कि जन्मजात गांधीवादी हूं। बचपन में मां के पीछे-पीछे गांधी आश्रम जाने की आदत लगी, वह आज भी जारी है। उद्यम करना हम भारतीयों की परंपरा है। पहले महिलाएं भी चरखा कातती थीं। हमारे यहां के खादी के वस्त्रों का कोई मुकाबला नहीं है। आज हम लोग रोजगार के लिए भटक रहे हैं। गांव के गांव खाली हो रहे हैं। लोग शहरों की ओर भाग रहे हैं। जबकि उद्यमिता द्वारा रोजगार सृजन किया जा सकता है। विवि की टीम से मिलकर उत्साहजनक माहौल दिख रहा है। विवि में संसाधनों की कमी है। लैब अत्याधुनिक किया जाना नितांत जरूरी है।

 वहीं, कुलपति प्रो. अनिल कुमार राय ने कहा कि जिस तरह से हर तरफ रोजगार की मांग है, ऐसे में उद्यमिता के मजबूत विकल्प हैं। विद्यार्थियों से आह्वïान किया कि अध्ययन के साथ ही उद्यमिता के गुण सीखते रहिए। पढ़ाई के बाद किसी उद्यम को शुरू करने का प्रयास करें।

 इससे पूर्व कार्यक्रम के संयोजक डॉ. पवनेश कुमार ने उद्यमिता जागरूकता शिविर की रूपरेखा रखी। इसके बाद खादी मिशन के राष्ट्रीय संयोजक लोकेंद्र भारती ने उद्यमिता के बारे मंम विस्तार से बताया। विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद के सदस्य डॉ. कर्मात्मा पांडेय ने गांधीजी के चंपारण में किए गए कार्यों को रेखांकित किया।


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