आज भी नहीं रुक रहा युवाओं का पलायन, सूबे में सबसे कम प्रति व्यक्ति सालाना आय
पलायन का मुख्य कारण रोजगार, शिक्षा व चिकित्सा का अभाव होना, पलायन रोकने की दिशा में नहीं उठाया जा रहा ठोस कदम।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बिहार से आज भी युवाओं का पलायन रुक नहीं पा रहा। इसकी वजह रोजगार, शिक्षा और चिकित्सा का अभाव है। सरकार भी इस पलायन को रोकने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठा रही। ये बातें रविवार को राष्ट्र सेवा दल के तत्वावधान में आयोजित बिहार विमर्श पर संगोष्ठी में संयोजक डॉ. शंभुशरण श्रीवास्तव ने कही। वे विषय प्रवर्तन कर रहे थे।
आयोजन का संचालन प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता शाहिद कमाल ने किया। अध्यक्षता प्रो. के.के. झा ने की। विश्वविभूति पुस्तकालय में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि राज्य की आर्थिक सामाजिक एवं राजनीतिक स्थिति बिगड़ती जा रही। राज्य में प्रति व्यक्ति आय सालाना 35 हजार रुपये है, जो देश के किसी भी राज्य की तुलना में सबसे कम है।
ऐसे होगी बेरोजगारी दूर
प्रसिद्ध लेखक प्रेम कुमार मणि ने बताया कि 20 साल में रुस व चीन ने जैसी प्रगति की है, वैसी कहीं यहां नहीं दिखी। उन्होंने सुझाव दिया कि समान शिक्षा प्रणाली लागू कर आम बिहारी बच्चों को शिक्षित किया जा सकता है। इसी तरह छोटे रोजगार मुहैया और फूड प्रोसेसिंग काम काम कर बेरोजगारी दूर की जा सकती है।
सामाजिक सद्भाव की जरूरत
प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता व चिंतक विजय प्रताप ने कहा कि राज्य में सामाजिक सद्भाव का वातावरण तैयार करना है। सत्ता के लिए समाज को तोडऩे के लिए नफरत राजनीतिक नेताओं की देन है।