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खुले में शौच से कर दिया मुक्त, जमीनी हकीकत कुछ और कर रही बयां

बगहा दो प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में खुले में शौच को जा रही बड़ी आबादी, कागजी आकड़ों के विपरीत जमीनी तौर पर नहीं बने लक्ष्य के अनुरुप शौचालय

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 08:18 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 08:40 AM (IST)
खुले में शौच से कर दिया मुक्त, जमीनी हकीकत कुछ और कर रही बयां
खुले में शौच से कर दिया मुक्त, जमीनी हकीकत कुछ और कर रही बयां

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। पश्चिम चंपारण के बगहा दो प्रखंड को गत 29 दिसंबर को ओडीएफ (खुले में शौच) की कुप्रथा से मुक्त घोषित कर दिया गया। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। ग्रामीणों की माने तो गांव की बड़ी आबादी आज भी खुले में शौच को जाती है। प्रशासनिक आंकड़ों पर गौर करें तो बगहा दो में 53501 शौचालय निर्माण कराने का लक्ष्य था। जिसमें वर्ष 2013-14 के सर्वे के अनुसार 14314 शौचालय का निर्माण पूर्व में हो चुका था।

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   जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के द्वारा लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान (ग्रामीण) के माध्यम से 39187 शौचालय बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। जिसमें अब तक करीब 32 हजार शौचालय बनकर तैयार हैं। इनमें 16602 का जिओ टैङ्क्षगग भी हो चुका है। इतना ही नहीं विभागीय आंकड़े के अनुसार 11 हजार का भुगतान कर दिया गया है। जिओ टैङ्क्षगग के बावजूद करीब 1100 का भुगतान जिला व 1600 का प्रखंड स्तर पर लंबित है। जिन्हें लाभ नहीं मिला, वे अब भी कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं।

सैकड़ों लाभुकों का भुगतान लंबित

प्रखंड के बरवल नरवल पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि रामचंद्र सिंह के द्वारा 32 सौ आवेदन जमा कराया गया है जिसमें मात्र चार सौ को आनलाइन किया जा सका है। यहां करीब 28 सौ आवेदन लंबित है। श्री ङ्क्षसह ने बताया कि पंचायत के आधे से अधिक घरों में शौचालय का निर्माण होना है।

   वहीं लक्ष्मीपुर ढोलबजवा के मुखिया नरेश उरांव ने बताया कि वहां करीब डेढ़ हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य था जिसमें डेढ़ सौ घरों में ही बन सका है। उसमें भी लाभुकों के भुगतान के लिए चक्कर काटना पड़ रहा है। प्रखंड का आदर्श पंचायत बलुआ छत्रौल के मुखिया शंखधर महतो के अनुसार करीब दो सौ घरों में शौचालय नहीं बने हैं। भुगतान में देरी के कारण लोग शौचालय नहीं बनवा रहे।

यह था शौचालय निर्माण का लक्ष्य

बैरागी सोनवर्षा 1932, बैराटी बरिअरवा 1580, बकुली पचगांवा 2947, वाल्मीकिनगर 2504, बलुआ छत्रौल 1447, बेलहवा मदनपुर 1778, भड़छी 1615, विनवलिया बोदसर 2072, बरवल नरवल 3102, चंपापुर गोनौली 2490, चमवलिया 1769, देवरिया तरूअनवा 1926, ढोलबजवा लक्ष्मीपुर 1438, हरनाटांड़ 1837, जितरी नौतनवां 2023, खरहट त्रिभौनी 2001, लक्ष्मीपुर रमपुरवा 2234, महुअवा कटहरवा 1991, मंगलपुर औसानी 2117, नौरंगिया दरदरी 2349, नयागांव रामपुर 2868, पैकवलिया मर्यादपुर 1400, संतपुर सोहरिया 2169, सेमरा कटकुईयां 3876 तथा यमुनापुर टड़वलिया में 2034 शौचालय बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।

जागरूकता अभियान पर खर्च हुए पांच लाख

लोहिया स्वच्छता बिहार अभियान का शुभारंभ वर्ष 2014 में हुआ था। उसी समय से शौचालयों के निर्माण के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाता रहा है। प्रखंड के सभी पंचायतों को जोड़ दें तो अबतक जागरूकता अभियान के नाम पर पांच लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। फिर भी इस कुप्रथा से मुक्ति सिर्फ कागजों में ही मिल पाई है। जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है।

   इस बावत बगहा दो के बीडीओ प्रणव कुमार गिरि ने कहा कि करीब सभी पंचायतों में शौचालय बन चुके हैं। भुगतान की प्रक्रिया हड़ताल के कारण कुछ मंद पड़ी थी, अब दोबारा भुगतान की कवायद को शुरु किया गया है। जल्द ही सभी लाभुकों के खाते में राशि भेज दी जाएगी।


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