Move to Jagran APP

अतिक्रमण के कारण महदई पोखर के अस्तित्व पर गहराया संकट Muzaffarpur News

तालाब के चारों तरफ अतिक्रमणकारियों का कब्जा । नहीं हुई कोई कार्रवाई। सभी सरकारी पोखर-तालाब अतिक्रमणकारियों के निशाने पर। तालाबों तक नहीं पहुंच रहा बारिश का पानी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 11:17 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 11:17 AM (IST)
अतिक्रमण के कारण महदई पोखर के अस्तित्व पर गहराया संकट Muzaffarpur News
अतिक्रमण के कारण महदई पोखर के अस्तित्व पर गहराया संकट Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। दरभंगा जिले के जाले प्रखंड क्षेत्र में कमोबेश सैकड़ों पोखर-तालाबों की शृंखला नजर तो आती है, लेकिन इनके संवर्धन-संरक्षण के लिए लोगों की उदासीनता के कारण इनका भविष्य अंधकारमय है। प्रखंड क्षेत्र के सभी के सभी सरकारी पोखर अतिक्रमण का शिकार होकर सिमटते जा रहे हैं। इन पोखरों में बारिश का पानी जाने के रास्तों के साथ ही नहरों-पइन का अतिक्रमण होने से इन पोखरों में बरसात का पानी ही नहीं पहुंच पा रहा। इन पोखरों में पानी पहुंचने के रास्तों के बंद हो जाने से इनके अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया है।

loksabha election banner

     प्रखंड क्षेत्र के राढ़ी गांव स्थित महदई पोखर का रकबा 56 बीघा है। इसके चारों ओर के ङ्क्षभडा को लोगों ने अतिक्रमण कर मकान बना लिया है। इनके अवैध कब्जे से इस पोखर के चारों ओर के जलनिकासी के रास्तों का भी अतिक्रमण हो चुका है। धीरे-धीरे इस पोखर के अस्तित्व का संकट गहराता ही जा रहा है। महदई पोखर का आधा हिस्सा अतिक्रमित हो चुका है। पोखर के दक्षिणी भिंडा पर महादेव मंदिर व श्मशान की जमीन पर बहुमंजिला इमारतें खड़ी हैं। वहीं, पश्चिमी भिंडा पर उत्क्रमित मध्य विद्यालय है। उत्तर व पश्चिमी भिंडा की जमीन भी अतिक्रमित है।

   क्षेत्र के खेसर, जोगियारा, मनमा, सहसपुर, जोगियारा, गररी, दोघरा, बसंत, नरौछ, भमरपुरा, खजुरवारा, मास्सा, मदिलवन, मुरैठा, काजीबहेड़ा, धमाद, नगरडीह, बिहारी, मलिकपुर, कछुवा, ब्रह्मपुर के रजोखर पोखर समेत सैकड़ों पोखर-तालाब अतिक्रमण की चपेट में हैं। जरूरत है सरकारी स्तर पर इन अतिक्रमण के खिलाफ ईमानदार प्रयास की, जो हो नहीं रहा। स्थानीय लोग भी उदासीन बने हुए हैं। अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं। इसका परिणाम यह है कि जल स्रोत अपने अस्तित्व के संकट को झेल रहे हैं और पूरा क्षेत्र जलसंकट को।

   इस बावत राढ़ी पश्चिमी पंचायत की मुखिया सुनीता देवी ने कहा कि पंचायत की सभी 9 पोखर-तालाबों के अतिक्रमण के कारण जलसंकट गहराया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर अंचलाधिकारी ने पंचायत के सभी नौ सरकारी पोखरों की सूची भेजी है। उम्मीद है कि इन पोखरों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए जल्द ही ठोस कार्रवाई होगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो समय दूर नहीं जब इन पोखरों का नामोनिशान नहीं रहेगा।

   प्रबुद्ध किसान अरुण कुमार चौधरी ने कहा कि पंचायत की तालाबों का अतिक्रमण कर लिया गया है। जल सरंक्षण की कोशिश नहीं होने से भूगर्भीय स्तर नीचे चला गया है। इससे पेयजल संकट के साथ किसानों के सिचाई के साधन पर भी संकट है। अतिक्रमणकारियों के चंगुल से पोखर को अतिक्रमण मुक्त कराने की जरूरत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.