31 अक्टूबर तक बीएड कॉलेजों की स्थिति से राजभवन को अवगत कराएंगे कुलपति
राजभवन बीएड कॉलेजों के वीडियोग्राफ और संसाधन की उपलब्धता से अवगत होना चाहता है।
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। कागज में तय कठोर मानक बीएड कॉलेजों के लिए निमित्त जमीन पर नहीं उतर पा रहे। विश्वविद्यालय की लाचारी के बाद राजभवन ने एकबार फिर इसपर कड़ा एतराज जताया है। कुलपति को आदेश दिया है कि मानकों की अनदेखी करने वाले ऐसे कॉलेजों का पूरा लेखा-जोखा उपलब्ध कराएं। 31 अक्टूबर तक कुलपति से रिपोर्ट तलब की गई है। अब देखना है कि तय सीमा तक क्या कार्रवाई होती। कॉलेजों की मनमानी को लेकर विद्यार्थियों ने जिस तरह आंदोलन चलाकर अब हार मान ली है। स्वयं वीसी-रजिस्ट्रार भी जोर आजमाइश कर चुके हैं, उससे तो नहीं लगता कि सूरत और सीरत में कुछ खास बदलाव होने को हैं। मगर, राजभवन की सख्ती से उम्मीद की आस बचती है।
परफॉर्मेंस नहीं बता रहे कॉलेज
राजभवन उन बीएड कॉलेजों के वीडियोग्राफ और संसाधन की उपलब्धता से अवगत होना चाहता है। दरअसल, तमाम बीएड कॉलेजों के लिए पिछले दिनों एक खास एप लांच किया गया था, जिसपर तमाम जानकारी उन्हें विश्वविद्यालय समेत राजभवन को भी प्रेषित करनी थी, ताकि उसके हिसाब से उन कॉलेजों का परफॉर्मेंस परखा जा सके। मगर, कई कॉलेज तमाम रिमाइंडर के बावजूद एप पर ये जानकारी अपलोड नहीं की है। इस एप पर बीएड कॉलेजों की कक्षा, छात्र, स्टाफ रूम में मौजूद शिक्षकों और संसाधन की तस्वीर अपलोड करने को कहा गया था। खबर है कि बीआरएबीयू के लगभग आधे बीएड कॉलेज ने ये चीजें अपलोड नहीं की हैं। ऐसे में राजभवन ने विवि को अपने स्तर से इन कॉलेजों की वीडियोग्राफी कराने को कहा है।
कितना हो रहा नियमों का पालन
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षक परिषद (एनटीसीई) ने कहने को तो बीएड कॉलेजों के संचालन के लिए कठोर नियम तय किए हैं, मगर दर्जनों कॉलेज ऐसे हैं जो कागजों पर खरे उतर रहे हैं लेकिन जमीनी सच्चाई उलट है। तय मापदंड के अनुरूप ऐसे शिक्षक नियुक्त करने हैं, योग्यता रखते हैं। राजभवन को विभिन्न स्त्रोतों से सूचना है कि फाइन आट्र्स के व्याख्याता के लिए अभ्यर्थी की योग्यता कम से कम मास्टर इन फाइन आट्र्स एवं पीटीआइ के लिए एमपीएड होना चाहिए। विज्ञान एवं वाणिज्य विषय के व्याख्याताओं के लिए एमएड होना अनिवार्य है। कॉलेजों में नियमानुसार, शिक्षक होने पर सीटें आवंटित की जाएंगी। एक वर्ग यानी 50 विद्यार्थियों पर सात शिक्षक होना अनिवार्य है। जमीन के लिए भी मानक तय हैं। 50 अभ्यर्थियों की यूनिट के लिए संस्थान के पास 2500 वर्ग मीटर भूमि होनी चाहिए। एक हजार वर्ग मीटर खेलकूद के लिए होनी चाहिए। 50 अभ्यर्थियों की भर्ती के लिए 500 वर्गमीटर भूमि होनी चाहिए। बीएड और एमएड के लिए संस्थान के पास अपनी तीन हजार वर्ग मीटर भूमि होनी चाहिए, जिसमें 2000 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र हो।