AES in Muzaffarpur: एईएस से बचाव में ढाल बनेगा टीकाकरण, इतने बच्चों को दी जाएगी खुराक
AES से इस साल 03 की अब तक हो चुकी मौत गर्मी के साथ एईएस की चपेट में आने लगते बच्चे। जेई वैक्सीन हर बच्चों के लिए की गई अनिवार्य सभी जगह मिलेगी इसका खुराक।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। गर्मी में बच्चों के लिए कहर बनकर आने वाली एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम यानी एईएस बीमारी का कारण अब तक सामने नहीं आया है। इसलिए लक्षण देखकर इलाज किया जा रहा है। इसी कड़ी में पांच वर्ष तक के बच्चों को शत-प्रतिशत जेई टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। इसका एक खास चरण लॉकडाउन से पहले चला। उसमें दो से 10 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे को जेई की खुराक दी गई। लॉकडाउन के बीच जिले में एईएस ने दस्तक दी है। इससे अब तक नौ बच्चे बीमार हुए और तीन की मौत हो चुकी है। इसको देखते हुए एक बार फिर बच्चों को जेई सहित अन्य नियमित टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है।
12 हजार 438 बच्चों को खुराक का लक्ष्य
मई में शुरू टीकाकरण अभियान में 12 हजार 438 बच्चों को खुराक दी जाएगी। इसके लिए हर पीएचसी से टीकाकरण की खुराक की आपूर्ति हो रही है।
प्रखंड------लक्ष्य
औराई-----773
बंदरा----356
बोचहां----613
गायघाट----674
कांटी----708
कटरा------635
कुढऩी-----1145
मड़वन-----412
मीनापुर---861
मोतीपुर---1016
मुरौल---248
मुशहरी----831
पारू-----912
साहेबगंज----608
सकरा----806
सरैया-----827
मुजफ्फरपुर शहर---1014
इन जगहों पर होता टीकाकरण
प्रत्येक बुधवार व शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्र पर टीकाकरण होता है। वहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सदर अस्पताल में नियमित टीकाकरण होता है।
बच्चों को दिए जा रहे ये टीके
टीडी, बीसीजी, ओपीवी, रोटा वायरस, एफआइबीवी, पेंटा वायलेंट, पीसीवी, एमआर, डीपीटी, जेई, विटामीन ए, आयरन व हेपेटाइटिस बी।
फरवरी-मार्च में चला अभियान
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.आरपी सिंह ने बताया कि इस साल फरवरी व मार्च में जेई टीकाकरण का खास यानी महाअभियान चलाकर दो से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चे को खुराक दी गई। इस दौरान चार लाख बच्चों को खुराक दी जा चुकी है। मई में जो जेई की खुराक है वह नियमित टीकाकरण के तहत होगी। इसमें हर बच्चे को दो डोज मिलेंगे। पहली खुराक नौ से 12 माह व दूसरी 16 से 24 माह के बच्चों को दी जा रही है।
इस बारे में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.आरपी सिंह ने कहा कि टीकाकरण से बच्चों में रोग प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है। बच्चे को एईएस से बचाव में मदद मिलती है। जेई भी एईएस की तरह घातक बीमारी है। इससे भी बचाव होता है। आम आदमी से अपील है कि नियमित टीकाकरण अभियान में बच्चे को टीका अवश्य दिलाएं। यह मुफ्त दिया जा रहा है।