सब्जियों की खेती और डेयरी उद्योग में ऑक्सीटोसीन का बेधड़क प्रयोग स्वास्थ्य को कर रहा कुप्रभावित
साग-सब्जी दूध आदि के जरिये शरीर में प्रवेश कर हार्मोनल इफेक्ट को प्रभावित कर रहा है ऑक्सीटोसीन। इसके प्रति सचेत रहने की है जरूरत।
पूर्वी चंपारण, [लक्ष्मीकांत त्रिपाठी]। ऑक्सीटोसीन एक ऐसी दवा है जिसके प्रभाव से कम उम्र के बच्चों में भी किशोरवय के लक्षण उभरने लगते हैं। ऑक्सीटोसीन का इंजेक्शन दूध बढ़ाने के लिए मवेशियों और सब्जियों-फलों का ग्रोथ बढ़ाने के लिए धड़ल्ले से किया जा रहा है। इस तरह यह मानव शरीर में भी पहुंच अपना कुप्रभाव दिखा रहा है।
बच्चों का स्वास्थ्य होता प्रभावित
आक्सीटोसीन युक्त दूध, साग-सब्जी, फल बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। यह शरीर के अंदर प्रवेश कर बच्चों में व्यस्क में पाए जाने वाले शारीरिक लक्षणों को विकसित करने लगता है। यह उनके स्वाभाविक शारीरिक और मानसिक विकास पर कुप्रभाव डालता है। शरीर में हुए अचानक परिवर्तनों से बच्चे घबरा भी जाते हैं। आक्सीटोसीन का कुप्रभाव गंभीर बीमारी की चपेट में धकेल सकता है।
पशुपालकों द्वारा और डेयरी उद्योग में किया जा रहा प्रयोग
इन दिनों इसका प्रयोग पशुपालकों और डेयरी उद्योग में किया जा रहा है। दुधारू पशु का बछड़ा जब किसी कारण से मर जाता है, तब बगैर बछड़ा के वैसे पशुओं से दूध निकालना कठिन हो जाता है। ऐसे में लोग बेझिझक बगैर किसी चिकित्सकीय सलाह के आक्सीटोसिन का प्रयोग कर दूध निकालने का काम करते है। फिर उसे बाजार में बेच देते हैं। उसके सेवन के बाद शरीर में इसका असर होता है। इसी तरह सब्जी की खेती करने वाले किसान भी इन दवाओं को प्रयोग करते है। खासकर कद्दू, नेनुआ, सेम, भथुआ, कोहड़ा आदि की फसलों को समय से पूर्व ही विकसित करने के लिए इनकी जड़ों में दवा को सीरिंज के माध्यम से इंजेक्ट कर देते है।
खानपान दूषित हो रहा
पशुपालकों व सब्जी खेती की करने वाले किसानों द्वारा इसका बेहिचक प्रयोग करने से खानपान दूषित हो जा रहा है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. शरतचंद्र शर्मा ने बताया कि ऑक्सीटोसीन एक ऐसी दवा है जो हॉर्मोनल इफेक्ट को बढ़ावा देता है। शरीर के विकास के लिए यह एक ऐसा हॉर्मोन है जिसकी मात्रा कम उम्र में शरीर में बढऩे पर दुष्प्रभावित करता है। इनदिनों अधिकांश जगहों पर दुधारू पशुओं से अधिक मात्रा में दूध निकालने के लिए लोग बछड़े की जगह इंजेक्शन का प्रयोग करने लगे है। जिसका दूध बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। होम्योपैथ चिकित्सक डॉ. मसीउल्लाह ने बताया कि दूषित खानपान के कारण बच्चों में ऑक्सीटोसीन हार्मोन का प्रभाव अधिक दिख रहा है। खासकर दूध व सब्जियों की खरीदारी में सावधानी बरतें।