अमेरिकी नागरिक डेविड को पांच साल की कैद, जानिए क्या था उनका जुर्म Madhubani News
भारतीय क्षेत्र में बिना वीजा के गिरफ्तार किया गया था डेविड को। 20 मार्च 2018 से ही जेल में बंद। दो हजार जुर्माना का आदेश।
मधुबनी, जेएनएन। करीब डेढ़ साल पूर्व बासोपट्टी थाना क्षेत्र स्थित भारतीय सीमा में खौना बीओपी के पास बिना वीजा के गिरफ्तार अमेरिकी नागरिक क्यूंग डेविड दूहयन को कोर्ट ने पांच साल के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दो हजार रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया है। अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रश्मि की अदालत ने सोमवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष से केंद्रीय मामलों के सरकारी वकील राजेंद्र तिवारी तथा डेविड की ओर से अधिवक्ता रामशरण साह ने बहस में हिस्सा लिया।
नहीं मिला था कोई जमानतदार
19 मार्च 2018 की रात आठ बजे एसएसबी जवानों ने डेविड को गिरफ्तार किया था। 20 मार्च 2018 से वह मंडल कारा में बंद है। बीते अगस्त माह में डेविड को कोर्ट से जमानत मिल गई थी। मगर जमानतदार नहीं मिलने के कारण वह जेल से बाहर नहीं निकल सका।
मिली थीं कई देशों की मुद्राएं
गिरफ्तारी के बाद तलाशी के दौरान डेविड के पास से 1919 अमेरिकन डॉलर, 56, 070 कोरियन मुद्रा और 2,665 नेपाली रुपये मिले थे। इसके अलावा दिशा सूचक यंत्र और अन्य संदिग्ध सामान मिले थे। इस बाबत एसएसबी अधिकारी श्यामाचरण वर्मण ने बासोपट्टी थाने में विदेशी अधिनियम की धारा -14 के तहत उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसके पास भारत में प्रवेश करने का वीजा नहीं था।
सरकार ने मुफ्त दी थी कानूनी सहायता
डेविड ने मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए जेल से ही जिला विधिक सेवा प्राधिकार को आवेदन भेजा था। मंडलकारा में संचालित लीगल एड क्लीनिक के विधिक स्वयंसेवक रामचरित्र यादव और वेद प्रकाश सिंह ने प्राधिकार के सचिव को पत्र भेजकर मामले से अवगत कराया था। इसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने डेविड को मुफ्त में कानूनी सहायता देने के लिए अधिवक्ता रामशरण साह को नियुक्त किया था।
ऊपरी अदालत में जाने का निर्णय
डेविड के अधिवक्ता रामशरण साह ने कहा कि कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रहे हैं। एसीजेएम रश्मि की अदालत द्वारा पारित आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती दी जाएगी। ऊपरी अदालत से डेविड को राहत मिलने की पूरी उम्मीद है।