छेड़खानी के आरोपित की गिरफ्तारी नहीं होने पर सदर थाने पर हंगामा, जानिए मामला... Muzaffarpur News
मुजफ्फरपुर के सदर थाना क्षेत्र की घटना। खेत में घास काटने गई महिला के साथ की गई थी मारपीट व छिनतई। पीडि़ता सदर अस्पताल में भर्ती जांचकर्ता ने बयान तक नहीं किया दर्ज।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। महिला से मारपीट, छिनतई और छेड़खानी करने के आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोशित होकर लोगों ने सोमवार को सदर थाने का घेराव किया। सैकड़ों की संख्या में पहुंची महिला व पुरुषों ने जमकर हंगामा किया। थाना के सिरिस्ता से लेकर मेन रोड पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। इससे आवागमन भी बाधित हो गया। पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए खूब नारेबाजी की। कहा कि घटना के एक सप्ताह से अधिक हो गए। लेकिन, अब तक पीडि़ता का बयान अस्पताल में दर्ज नहीं किया गया है। करीब एक घंटे तक उग्र लोग हंगामा करते रहे। प्रभारी थानाध्यक्ष रघुवीर सिंह, दारोगा राजेश कुमार राकेश और रविशंकर सिंह ने लोगों को समझाकर बूझाकर किसी तरह शांत कराया। कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। इसके बाद लोग शांत हुए और वहां से सभी सदर अस्पताल पहुंचे।
रास्ते में छोड़ निकल गए पुलिस पदाधिकारी
पीडि़त लोगों के समर्थन में पंचायत समिति सदस्य कमलेश पासवान भी पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि थाना पर एक दारोगा ने साथ में सदर अस्पताल चलकर बयान दर्ज करने की बात कही। पुलिस वाहन में गांव की कुछ महिलाओं को बैठा लिया। अन्य लोग पैदल अस्पताल की तरफ बढ़े। लेकिन, बैरिया जाकर उक्त दारोगा ने सभी महिलाओं को उतार दिया और काम का बहाना बनाकर निकल गए।
अस्पताल में करने लगे हंगामा
दारोगा की इस हरकत से उग्र होकर लोगों ने सदर अस्पताल में हंगामा किया। इसके बाद एसएसपी कार्यालय पहुंचे। सदर पुलिस की लापरवाह कार्यशैली से एसएसपी को अवगत कराया। उन्होंने आश्वासन देकर सभी को भेजा। इसके बाद सदर अस्पताल में महिला थानाध्यक्ष ने पहुंचकर पीडि़ता का बयान दर्ज किया।
हत्या की नीयत से दबा दिया था गला
22 जनवरी को सदर थाना के एक गांव में महिला घास काटने खेत में गई थी। इसी दौरान आरोपित सुशील कुमार अपने साथियों के साथ पहुंचा और घास फेंक दिया। महिला के विरोध करने पर सभी ने उसके साथ गलत हरकत का प्रयास किया। जब महिला ने कहा कि वह उन सभी को पहचानती है तो हत्या की नीयत से गला दबा दिया। वह बेहोश होकर अचेत हो गई। इस बीच आरोपितों ने उसके गले से सोने का जीतिया, कान से बाली छीन लिया और भाग गए। आसपास के लोगों ने उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया था।
मारपीट व छिनतई की दर्ज है प्राथमिकी
घटना के एक दिन बाद 23 जनवरी को महिला के बयान पर सदर थाने में मारपीट व छिनतई की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें छेड़खानी का जिक्र नहीं था। दारोगा हरेराम पासवान को जांचकर्ता बनाया गया था। लेकिन, तीन दिनों से बीमार होने की वजह से वे इस केस में आगे कार्रवाई नहीं कर सके। इसे लेकर लोग आक्रोशित थे। प्रभारी थानाध्यक्ष ने कहा कि पहले मारपीट की बात कही थी। छेड़खानी की बात उस समय नहीं बताई गई थी।