सेवाशर्त से असंतुष्ट शिक्षकों ने काली पट्टी लगाकर किया सरकार का विरोध, दिखाई एकजुटता
टीईटी-एसटीईटी शिक्षकों ने राज्यव्यापी संकल्प दिवस मनाया।शिक्षकों ने शोषण और हकमारी के खिलाफ बदला लो बदल डालो का संकल्प लिया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सेवाशर्त से असंतुष्ट जिले के नियोजित शिक्षकों ने काली पट्टी लगाकर एकजुटता दिखाई। शिक्षक दिवस पर भी वे सरकार से नाखुश रहे। अब खुलकर सेवाशर्त विरोध में आंदोलन पर उतर गए हैं। शनिवार को टीइटी-एसटीइटी शिक्षकों ने राज्यव्यापी संकल्प दिवस मनाया। प्रदेश के तमाम सरकारी विद्यालयों में काली पट्टी बांधकर काम करते हुए शिक्षकों ने शोषण और हकमारी के खिलाफ बदला लो बदल डालो का संकल्प लिया।
सेवाशर्त को शिक्षक बंधुआकरण का दस्तावेज कहा
टीईटी-एसटीइटी शिक्षक संघ गोप गुट के जिलाध्यक्ष मृत्युंज कुमार एवं मीडिया प्रभारी विवेक कुमार ने कहा कि नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए बहुप्रतीक्षित सेवाशर्त को सूबे के शिक्षक बंधुआकरण का दस्तावेज बता रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि सेवाशर्त में ऐच्छिक स्थानांतरण, पूर्ण ईपीएएफ, अर्जित अवकाश, ग्रेच्युटी, बीमा, मेडिकल जैसी महत्वपूर्ण मांगों को दरकिनार कर दिया गया। ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ शिक्षिकाओं व विकलांगों के लिए केवल एकबार रखा गया है। वहीं म्युचुअल स्थानांतरण के नाम पर शिक्षकों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। अर्जित अवकाश राज्यकॢमयों को तीन सौ दिनों का मिलता है, लेकिन नियोजित शिक्षकों को महज 110 दिनों का दिया गया है। उन्होंने कहा कि डीए में कटौती करते हुए 01 अप्रैल 2021 से 15 फीसद वेतनवृद्धि का लालीपाप दिखाया जा रहा है। इस बार सरकार को सबक सिखाने का लिया संकल्प लिया गया है।