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समस्याओं के जाल में उलझा कर्मवारी, सपने तोड़ रही बेरोजगारी

मुजफ्फरपुर। पारू प्रखंड मुख्यालय के पश्चिमी छोर पर गुलामी का एहसास करानेवाला गाव कर्मवारी। यहां की त

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 May 2018 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 03:00 AM (IST)
समस्याओं के जाल में उलझा कर्मवारी, सपने तोड़ रही बेरोजगारी
समस्याओं के जाल में उलझा कर्मवारी, सपने तोड़ रही बेरोजगारी

मुजफ्फरपुर। पारू प्रखंड मुख्यालय के पश्चिमी छोर पर गुलामी का एहसास करानेवाला गाव कर्मवारी। यहां की तीन हजार की आबादी मूलभूत समस्याओं के बोझ तले दबी कराह रही। 25 जातियों के इस गाव में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की फौज सरकारी नौकरियों में दाखिले को बेचैन है। किसान खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाने से परेशान हैं। फतेहाबाद से 23 साल पहले विस्थापित होकर कर्मवारी गाव आए 25 परिवारों को अब तक सरकार ने बसने के लिए पर्चा तक नहीं दिया। ये लोग सड़क किनारे रात गुजारने को मजबूर हैं। गाव में तीन स्कूलों के रहते शिक्षा का गिरता स्तर विकास के रास्ते को अवरुद्ध कर रहा है। नवीन प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को सरकारी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं। गाव में बिहार सरकार की जमीन रहते भवन निर्माण नहीं कराया जा सका है। गाव में प्रखंड का सबसे बड़ा तालाब (जो ढाई एकड़ मे फैला है और उसे नारायणी नदी से जोड़ा गया है।) है, लेकिन उसकी पहचान मिटती जा रही है। विस्थापित कई परिवारों को आवास योजना के तहत प्रथम किस्त की राशि का भुगतान तो कर दिया गया, लेकिन अपनी जमीन नहीं होने के कारण इसका लाभ नहीं मिल सका।

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एक सड़क की दरकार : गाव के दक्षिण भाग मे नोनिया टोला है। यहां तीन सौ लोगों की आबादी है, लेकिन आजादी के बाद से अब तक बस्ती तक जाने के लिए एक सड़क तक की दरकार है। बीमार व्यक्ति को खाट पर लाद कर रोड तक लाया जाता। वहीं, दुल्हन-दूल्हे को घर से रोड तक पैदल जाना मजबूरी है। जल निकासी की व्यवस्था नहीं होना उनकी और परेशानी बढ़ा रहा है।

लोग खुले में शौच को मजबूर : वर्ष 2006 में बैजलपुर पंचायत को निर्मल पंचायत घोषित कर दिया गया, लेकिन सब कागज पर ही। खुले मे शौच जाने को लोग मजबूर हैं। आठ से दस घंटे बिजली तो मिल रही है, लेकिन लो वोल्टेज की समस्या बनी है। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल जल के लिए 10, 11 व 12 नंबर वार्ड चयनित हुआ। एक वार्ड में 80 फीसद कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन अभी तक किसी अधिकारी के जाच नहीं किए जाने और दिशा-निर्देश के अभाव में शेष कार्य अवरुद्ध है। गाव में राजपूत और कुर्मी जाति की बहुलता है, जो आर्थिक स्तर पर कुछ ठीक-ठाक है। शेष जाति के लोग आर्थिक व सामाजिक शैक्षणिक स्तर पर काफी पीछे हैं। चौपाल में लोगों ने कहा कि गाव के विकास के लिए सरकार बजट तैयार करे। इसे गाव की सभा से पारित कराए। इससे ही गांव का समुचित विकसित संभव है।

चौपाल में ये रहे मौजूद

रामजन्म सिंह, लालबाबू सिंह, शत्रुघ्न सिंह, अशोक कुमार सिंह, शभू प्रसाद सिंह, राजेश्वर ठाकुर, विंदेश्वरी प्रसाद सिंह, बालेंदर राम, उमेश कुमार सिंह, प्रमोद सहनी, संजय राय, सीताराम राय, मनोज कुमार सिंह, दिनेश सिंह, विभाकर मिश्र, अरुण कुमार सिंह आदि लोग मौजूद थे।

बुजुर्गो की अपेक्षाएं

आजादी के बाद से अब तक हम सब विकास का सपना देखता रहे, लेकिन किसी राजनेता ने विकास धर्म का पालन नहीं किया। सड़क, सिंचाई, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा का स्तर गांव में मजबूत होना बहुत जरूरी है। मेरे गाव मे रोड के सिवा और कुछ ठीक नहीं है।

-लालबाबू सिंह हम ग्रामीण कृषि पर निर्भर हैं, लेकिन इसके लिए सरकार ने कोई साधन नहीं दिया है। कृषि व मजदूरी कर गाव के लोग बच्चों को पढ़ा-लिखाकर कुछ बनाने का सपना देखते हैं, जो संभव नहीं। रोजगार वाली शिक्षा के साथ ही खेतों तक पानी पहुंचाएं, स्वास्थ्य सेवा को मजबूत बनाएं तो निश्चित हमारा गाव भी तरक्की करेगा।

-रामपुकार ठाकुर युवाओं के सपने

सरकार में बैठे लोग विकास की नई खोज नहीं करते। पुरानी पद्धति के सहारे विकास का ख्वाब दिखाते हैं। जब तक गाव के युवाओं के लिए मैप तैयार नहीं किया जाएगा, हम व गाव खुशहाल नहीं हो सकते। महंगी शिक्षा से गांववाले होनहार बच्चे सफल नहीं हो पाते। इसलिए आवश्यकता है सस्ती शिक्षा का मैप गाव लाने का।

-आदित्य कुमार रोजगारपरक शिक्षा नहीं होने के कारण पढे़-लिखे बेरोजगारों की कतार लंबी होती जा रही है। शिक्षा के बगैर किसी क्षेत्र में विकास संभव नहीं है। हम चाहते हैं कि शासनतंत्र ईमानदारी से हमारे हालात को समझे और उसी के अनुरूप विकास का रोड मैप तैयार करे। इस तरह इसे लागू करे तो निश्चित देश का हर गाव विकसित गाव के रूप में परखा जाने लगेगा।

-चंदन कुमार पंचायत के प्रत्येक गाव में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और सिंचाई की उत्तम व्यवस्था हो। चौपट होती जा रही शिक्षण व्यवस्था में बदलाव आए। पंचायत को मिलनेवाली विकास मद की राशि उचित कार्यो पर खर्च हो। मैं गाव के सर्वागीण विकास के लिए तत्पर हूं और लोगों का सहयोग मिला तो गांव की तस्वीर बदली मिलेगी।

-वीरेंद्र ठाकुर, मुखिया ग्राम पंचायत राज बैजलपुर

एक नजर में

रकबा - 1100 बीघा

आबादी -3005

मतदाता -1600

स्कूल - 03

स्वास्थ्य उपकेंद्र -01

सरकारी नौकरी - 09

ग्रेजुएट - 20

इंटर पास -13

मैट्रिक पास - 26


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