गौरव के क्षण, अंजलि व नमन ने छुआ 'गगन'
देश के लिए सबकुछ न्योछावर करने की प्रेरणा के साथ जिले के दो युवाओं को आज वायुसेना में मिला कमीशन। हैदराबाद में पासिंग परेड के समय माता-पिता की उपस्थिति से दोनों हुए भावुक।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। यहां से सैकड़ों किलोमीटर दूर दो युवाओं ने जिले का गौरव बढ़ाया। शनिवार को वायुसेना अकादमी हैदराबाद में सकरा की अंजलि व गायघाट के नमन अभिषेक को कमीशन प्रदान किया गया। नीले आसमान के नीचे पासिंग परेड के दौरान नीली वर्दी में 152 फ्लाईंग अफसरों के साथ वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने दोनों को रैंक और विंग्स लगाए। वहां मौजूद दोनों के माता-पिता के लिए यह सबसे बड़े गौरव का क्षण था। और हो भी क्यों नहीं, दोनों के पिता भी एक सैनिक के रूप में वर्षों से देश की सेवा जो कर चुके हैं।
परिवार के सहयोग से बनी फाइटर पायलट
अंजलि कहती हैं, एक लड़की के लिए फाइटर पायलट बनना किसी चुनौती से कम नहीं। बचपन से पापा को देखकर पायलट बनने की प्रेरणा मिलती रही। निर्णय लिया तो मां, पापा व भैया का पूरा सहयोग मिला। रांची विश्वविद्यालय से एनर्जी इंजीनियङ्क्षरग से बीटेक अंजलि ने एयरफोर्स संयुक्त प्रवेश परीक्षा पास कर इस मुकाम पर पहुंची। 72 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद फाइटर पायलट बनने का सपना पूरा करने वाली अंजलि के पिता रेपुरा निवासी जय शंकर ठाकुर वायुसेना में अधिकारी पद से सेवानिवृत्त हैं। वहीं मां सीता ठाकुर सरकारी विद्यालय में शिक्षक।
बचपन से ही आसमान में उडऩे व देश सेवा का सपना
गायघाट के हसना गांव के नमन के लिए बचपन से ही देश सेवा का सपना था। आज यह सपना पूरा हुआ। इसके पीछे पिता प्रमोद कुमार सिंह की सबसे अधिक मेहनत रही। आर्मी में नायब सूबेदार पद से सेवानिवृत्त प्रमोद सिंह ने नमन को इसके लिए तैयार किया। पहले बेलगाम के मिलिट्री स्कूल में नामांकन। यहां से 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद एनडीए में 30वां रैंक। सपने को यहीं पंख लगे।
बचपन से ही खिलौना के रूप में भी हवाई जहाज को चुनाव करने वाला नमन आज गगन को छू रहा। मां माला सिंह हो वायुसेना की टोपी पहनाते हुए नमन पिता प्रमोद सिंह को कहते हैं, फस्र्ट सैल्यूट टू माई डियर डैड। गौरव के इस क्षण में भी आज यहां सभी की आंखें डबडबा गई हैं।
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