मुजफ्फरपुर शहर में मिले हैंड फुट माउथ के दो मरीज, आपके बच्चों में ये लक्षण तो नहीं
बीमारी से पीड़ित बच्चे आसपास क्षेत्र के एक बेला तो दूसरा मिठनपुरा का रहने वाला। डा. जेपी मंडल की क्लीनिक में चल रहा इलाज दोनों को किया गया आइसोलेट। हैंड फुट माउथ में एंटीबायोटिक नहीं दी जानी चाहिए। इससे पहले शहर में इस बीमारी के पांच मरीज मिल चुके हैं।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। शहर में हैंड फुट माउथ के दो नए मरीज मिले हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डा. जेपी मंडल के क्लीनिक में दोनों मरीज मिले हैं। इनमें एक मिठनपुरा और दूसरा बेला का रहने वाला है। एक बच्चे की उम्र चार और दूसरे की उम्र पांच वर्ष है। डा. जेपी मंडल ने बताया कि दोनों मरीज के पैर, हाथ और मुंह में दाने निकल आए हैं। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। बीमारी सात दिनों में ठीक हो जाती है। वायरल डिजीज है, लेकिन संक्रामक है। दोनों बच्चों को आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है। इस बीमारी में बच्चे को भूख नहीं लगती और बुखार रहता है। बीमारी से बचने के लिए सफाई का ध्यान रखना चाहिए। लगातार हाथ धोते रहने चाहिए। हैंड फुट माउथ में एंटीबायोटिक नहीं दी जानी चाहिए। इससे पहले शहर में इस बीमारी के पांच मरीज मिल चुके हैं।
संक्रामक है बीमारी
इसे हाथ-पैर-मुंह की बीमारी कहा जाता है। यह पांच साल तक के बच्चों में होने वाला वायरल संक्रमण है। इसमें बच्चे के मुंह में छाले होने लगते हैं। खाने-पीने में बच्चे को परेशानी होती है। इसके अलावा हाथ और पैरों पर दाने निकल आते हैं। ये बीमारी आमतौर पर काक्ससैकी वायरस की वजह से होती है। इसमें बच्चे को हल्का बुखार भी आता है।
इस तरह करें बच्चे का बचाव
- संक्रमित बच्चे से दूसरे बच्चों को दूर रखें। ये खांसने, छींकने और लार से फैलने वाली बीमारी है
- संक्रमित बच्चे के साथ खाना या पानी शेयर न करें। नाक या फेफड़ों से निकलने वाली बलगम से बच्चे को दूर रखें
- बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने पर जोर दें, बच्चे के हाथ बार-बार साबुन से वाश कराएं