एसकेएमसीएच में आज पहुंचेंगे मुंबई टाटा कैंसर अस्पताल के दो चिकित्सक
श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय में बुधवार की दोपहर मुम्बई टाटा कैंसर इंस्टीच्यूट के दो वरीय चिकित्सक ईएनटी विभाग के सर्जन व कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज कुमार चतुर्वेदी एवं मेडिसीन विभागाध्यक्ष व ऑनकोलॉजी के डॉ. कुमार प्रभाष पहुंचेंगे।
मुजफ्फरपुर। श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय में बुधवार की दोपहर मुम्बई टाटा कैंसर इंस्टीच्यूट के दो वरीय चिकित्सक ईएनटी विभाग के सर्जन व कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज कुमार चतुर्वेदी एवं मेडिसीन विभागाध्यक्ष व ऑनकोलॉजी के डॉ. कुमार प्रभाष पहुंचेंगे। यह अस्पताल कॉलेज के चिकित्सकों के साथ बैठक कर यहां का कैंसर संबंधी जायजा लेंगे। इस दौरान पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉॅजी, बायोकेमेस्ट्री व अन्य विभाग के चिकित्सक शामिल होंगे। इन चिकित्सकों के बीच कैंसर रोग पर चर्चा करेंगे। डॉ. रविकात ने बताया कि मुंबई से आए डॉक्टर अस्पताल व निर्माणाधीन चाहरदिवारी व बनने वाले अस्पताल के स्थल का भी निरीक्षण करेंगे।
इधर, एसकेएमसीएच में खुले कैंसर ओपीडी में नित्य मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। कैंसर ओपीडी में पिछले 16 दिनों में डेढ़ सौ से अधिक मरीज इलाज को पहुंचे। कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. रविकात सिंह ने बताया कि ओपीडी में नित्य दिन 10 से 15 मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें मंगलवार तक डेढ़ सौ मरीजों का स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 22 गंभीर मरीजों को वाराणसी कैंसर अस्पताल में रेफर किया गया है। जहा जाच व इलाज संबंधी पूरी सुविधा मिलेगी। ओपीडी में आने वाले मरीजों में गले में छाला, मुंह पूरा नहीं खूलने, बदबू आने की शिकायत लेकर पहुंचे थे। ओपीडी में ज्यादातर मरीज तंबाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट का सेवन करने वाले पहुंचते हैं। कैंसर ओपीडी खुलने की जैसे-जैसे जानकारी लोगों को मिल रही है, वैसे-वैसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
शव सुरक्षित रखने को मिलेंगे डेड बॉडी फ्रीजर : सड़क हादसे में मौत के बाद अज्ञात शव को रखने के लिए जिलों को डेड बॉडी फ्रीजर मिलेगा। विभाग की ओर से इसे खरीदने की मंजूरी दी गई है। सड़क हादसों में अज्ञात लोगों की मौत के बाद उनकी पहचान के लिए निर्धारित समय सीमा तक शवों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था के लिए सूबे के सभी जिलों को डेड बॉडी फ्रीजर खरीदने की अनुमति दी गई है। इसके तहतं मुजफ्फरपुर व दरभंगा को चार-चार फ्रीजर खरीदने के राशि मिली है। सरकार ने यह अनुमति जिलों की सड़क सुरक्षा समिति को फ्रीजर खरीदने का निर्देश दिया है। सड़क सुरक्षा समिति जरूरत के अनुसार डेड बॉडी फ्रीजर को मेडिकल कॉलेज, सदर अस्पताल या रेडक्रॉस में रखेगी और आवश्यकता पड़ने पर उसका उपयोग किया जाएगा। जानकारी के अनुसार एक फ्रीजर केलिए सरकार ने 80 हजार रुपये की राशि निर्धारित की है।