शिक्षक नियुक्ति घोटाला में तत्कालीन दो डीईओ पाए गए दोषी
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने समीक्षा में पाया दोषी, सूची नहीं भेजने के मामले में डीईओ स्पष्टीकरण।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शिक्षक नियुक्ति घोटाला में तत्कालीन दो जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को दोषी पाया गया है। इसके अलावा तत्कालीन प्रखंड विकास अधिकारी, प्रखंड शिक्षा अधिकारी, पंचायत सचिव व नगर आयुक्त पर भी आंच आ सकती है। वहीं वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी ललन प्रसाद सिंह को रिपोर्ट नहीं सौंपने पर मामले में लापरवाही मानते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक के स्तर से फर्जी शिक्षक बहाली की समीक्षा की गई। जिसमें जिला शिक्षा अधिकारियों को दोषी पाया गया है।
इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी को सूची का अनुमोदन करने वाले अधिकारियों को चिह्नित करने का निर्देश दिया गया। साथ ही उनके विरुद्ध प्रपत्र क गठित करने को कहा गया, लेकिन औपबंधिक सूची का अनुमोदन करने वाले तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी को न तो चिह्नित किया गया और न ही प्रपत्र क गठित करने की कार्रवाई की गई। इसपर प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने नाराजगी जताते हुए डीईओ से जवाब तलब करते हुए अविलंब सूची सौंपने का निर्देश दिया है।
अब तक मिले 335 फर्जी टीईटी शिक्षक
जिले में टीईटी अंक पत्र की जांच में 335 फर्जी शिक्षक पाए गए हैं। वैसे शिक्षकों के खिलाफ अलग-अलग थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। सबसे अधिक मीनापुर में फर्जी टीईटी शिक्षक चिह्नित किए गए हैं। तत्कालीन क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक की सख्ती के बाद टीईटी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू हुई थी। प्रखंड शिक्षा अधिकारियों ने विभाग से प्राप्त सीडी के आधार पर प्रमाण पत्रों की जांच की। इस क्रम में 335 फर्जी शिक्षक मिले। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। तत्कालीन जिलाधिकारी की सख्ती के बाद उन शिक्षकों के खिलाफ प्रखंड शिक्षा अधिकारियों ने स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।