मुजफ्फरपुर में दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेला शुरू, माहभर में कृषि यंत्र नहीं खरीदने पर परमिट रद
कुल 372 कृषि यंत्रों की हुई बिक्री, 51 लाख रुपये किसानों को सब्सिडी मिली। बीएओ की उदासीनता से पहले दिन सैकड़ों किसानों तक सीमित रहा मेला।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पंपिंग सेट को छोड़कर बाकी सभी कृषि यंत्रों की पर्याप्त उपलब्धता है। बाकी यंत्रों के परमिट को किसान मेले के अलावा भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, इसी माह जिले में अगली तारीख में कृषि मेला फिर लगने की संभावना है। बावजूद किसान कभी भी परमिट कटने के बाद अधिकृत विक्रेता से कृषि यंत्र खरीद सकते हैं।
ये बातें जिला कृषि पदाधिकारी डॉ.केके वर्मा ने कही। वह गुरुवार को एमआइटी परिसर में आयोजित दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेले के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उद्घाटन पद्मश्री किसान चाची ने किया। उन्होंने कहा कि परमिट मिलने की तिथि के एक माह तक वांछित कृषि यंत्र खरीद लें। वरना परमिट रद होगा।
मेले में कम रही संख्या
प्रखंडों के कृषि पदाधिकारियों एवं समन्वयकों की उदासीनता से दो दिवसीय कृषि मेले में किसानों की संख्या बेहद कम दिखी। जबकि, परमिट के आवेदकों की संख्या हजारों में है। मेले में दैनिक कृषि कार्य में प्रयोग होने वाले खुरपी, टेंगारी, हंसिया व कुल्हाड़ी आदि की उपलब्धता नहीं रही। इससे आम किसान व खेतिहर मजदूर निराश हुए।
मृदा कार्ड का वितरण
मेले में आत्मा के निदेशक एवं मिट्टी जांच प्रयोगशाला के प्रभारी मो. इस्माइल ने मृदा कार्ड का वितरण किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान को अपने खेतों की मिट्टी जांच अवश्य करानी चाहिए।
किसने क्या कहा
पद्मश्री किसान चाची ने कहा कि किसान भाइयों को अब वैज्ञानिक तरीके से खेती करनी चाहिए। जलवायु परिवर्तन को देखते हुए खेती की परंपरा में बदलाव जरूरी है।
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष वीरेंद्र राय ने कहा कि कृषि यंत्रों को जीएसटी से मुक्त करना चाहिए। ताकि, किसानों को सस्ते में कृषि यंत्र मिल सके।
अन्य वक्ताओं में जदयू किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संतोष कुमार व भाजपा किसान प्रकोष्ठ के नेता राकेश नयन शामिल रहे। संचालन प्रभात किरण ने किया।