मुजफ्फरपुर बालगृह से भागे दो बच्चे पहुंचे घर, भागे थे आठ बच्चे, दो अब भी लापता Muzaffarpur News
मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर स्थित बालगृह की दीवार तोड़कर आठ बच्चे भाग गए थे। चार को बरामद कर लिया गया था। दो और बच्चे भागकर अपने घर पहुंचे पर दो अब भी लापता।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सिकंदरपुर स्थित बालगृह की दीवार तोड़ कर भागे बच्चों में से दो अपने घर पहुंच गए हैं। घर पहुंचने वाले में एक बच्चा मुजफ्फरपुर और दूसरा वैशाली का है। स्वजनों ने इसकी सूचना जिला बाल संरक्षण इकाई को दी है। सूचना मिलने के बाद बच्चों को लाने के लिए टीम रवाना हो चुकी है। वहीं नेपाल के दो बच्चों का अब तक पता नहीं चल सका है।
घर पहुंचने वाले बच्चों को बालगृह लाकर जिला बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद स्वजनों को सौंप दिया जाएगा। दो बच्चों के मिलने के बाद बालगृह प्रशासन एवं जिला बाल संरक्षण इकाई ने चैन की सांस ली है। वहीं नेपाल के दोनों बच्चों का पता लगाने के लिए अधिकारियों द्वारा कई कदम उठाए गए हैं। ज्ञात हो कि रविवार की दोपहर में बालगृह से आठ बच्चे भाग गए थे। इनमें से चार को रेल पुलिस ने मुजफ्फरपुर जंक्शन से पकड़ कर बालगृह भेज दिया था। इधर, बच्चों द्वारा तोड़ी गई दीवार का निर्माण करा दिया गया है।
बच्चों के भागने में बालगृह प्रबंधन लापरवाही के घेरे में
आठ बच्चों के भागने के मामले में बालगृह प्रबंधन लापरवाही के घेरे में है। अधिकारियों के जांच में प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी एवं समाज कल्याण विभाग के निदेशक को भेजी जाएगी। इधर, सोमवार को जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक उदय कुमार झा ने बालगृह एवं पर्यवेक्षण गृह का निरीक्षण किया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया। सुरक्षा को लेकर कई आवश्यक निर्देश दिए गए।
अधीक्षक को बालगृह में ही होगा रहना, गार्ड रात को लगाएंगे गश्त
जिला बाल कल्याण समिति के सहायक निदेशक उदय कुमार झा ने अधीक्षक को बालगृह में ही रहने का आदेश दिया है। वे बालगृह छोड़ कर कही आवास नहीं रख सकते। वहीं नाइट गाइड को निर्देश दिया गया है कि वे रात को घूम-घूमकर बच्चों की स्थिति का जायजा लेते रहेंगे।
इस बारे में जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक उदय कुमार झा ने बताया कि 'मुजफ्फरपुर एवं वैशाली के बच्चे अपने घर पहुंच गए हैं। उन्हें बालगृह लाया जाएगा एवं जिला बाल कल्याण समिति के आदेश पर स्वजन को सौंपा जाएगा। प्रथमदृष्टया बालगृह प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है।'