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आम के शौकीन भालू 'बबलू'-'डबलू' से किसान परेशान, एक हिलाता है डाल तो दूसरा लेता है बटोर

वीटीआर के जंगल से आम खाने रिहायशी इलाके में एक साथ बाहर निकलते हैं दो भालू बबलू और डबलू। आम का सीजन शुरू होने से आबादी में इनकी गतिविधि बढऩे से वन अधिकारी परेशान।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 09:49 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 03:36 PM (IST)
आम के शौकीन भालू 'बबलू'-'डबलू' से किसान परेशान, एक हिलाता है डाल तो दूसरा लेता है बटोर
आम के शौकीन भालू 'बबलू'-'डबलू' से किसान परेशान, एक हिलाता है डाल तो दूसरा लेता है बटोर

वाल्मीकिनगर [विवेक कुमार]। वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) के दो भालू हैं 'बबलू' और 'डबलू'। इन्हें आम पसंद है। जंगल से निकलकर ये कभी किसी के बाग तो कभी किसी के घर में आम की तलाश में घुस जाते हैं। दो महीने में ऐसी कई घटना हो चुकी है। राहत की बात यह है कि किसी पर हमला नहीं बोला है। लेकिन, इनकी करतूत से वन अधिकारियों के साथ ग्रामीण भी परेशान हैं।

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वीटीआर में भालुओं की संख्या 100 से अधिक है। इनमें 'बबलू' और 'डबलू' भी हैं। तकरीबन तीन साल के इन दोनों भालुओं का नामकरण बचपन में वन अधिकारियों ने किया था। ये बीते करीब दो महीने से आम की तलाश में वाल्मीकिनगर के छाता चौक, स्टेट बैंक चौराहा, गंडक कॉलोनी, हाइडल कॉलोनी समेत अन्य मोहल्लों में पहुंच चुके हैं। चार दिन पूर्व एक भालू गंडक कॉलोनी के राजेश कुमार के घर में घुस गया था।

 ग्रामीणों ने शोर मचाया तो चौकी के नीचे रखा आम लेकर भाग गया था। डेढ़ सप्ताह पहले ई टाइप कॉलोनी के शमीम खान और डी आनंद के आम के बाग में दोनों भालू पहुंच गए थे। एक पेड़ पर चढ़कर डालियों को हिलाने लगा और दूसरा आम बटोरने लगा। वहां मौजूद चौकीदार दोनों को देख भाग खड़ा हुआ था। बताया जाता है कि ये दोनों रात के समय साथ में जंगल से निकलते हैं।

दो साल पहले बदला लेने गांव पहुंच गया था भालुओं का झुंड

भालुओं की दोस्ती की कहानी वीटीआर के लिए नई नहीं है। रामनगर प्रखंड के उत्तरांचल में करीब दो साल पहले एक भालू गन्ने के खेत में लगे जाल में फंस गया था। उसे ग्रामीण गांव में लेकर आए और कई घंटे बाद छोड़ा था। संध्या पहर ग्रामीण अपनी दिनचर्या में जुटे ही थे कि अचानक जाल में फंसा भालू चार दर्जन से अधिक भालुओं के साथ गांव पहुुंच गया। भालुओं ने गांव में जमकर उत्पात मचाया था। इस दौरान ग्रामीण दरवाजा बंद कर घरों में दुबके रहे। इसके बाद ग्रामीणों ने खेत में जाल लगाना छोड़ दिया।

 वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र अधिकारी महेश प्रसाद ने बताया कि भालू काफी होशियार होते हैं। ये समूह में रहना पसंद करते हैं। 'बबलू' और 'डबलू' की रिहायशी क्षेत्र में हाल के दिनों में चहलकदमी बढ़ गई है। वनकर्मियों की टीम उनकी गतिविधि पर नजर बनाए हुए है।


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