Corona warriors: 'हर्बल सैनिटाइजर' बनाकर निशुल्क बांट रहीं महिलाएं, जानें किस तरह करतीं निर्माण
मधुबनी की ढाई दर्जन महिलाएं नीम के पत्ते फिटकरी और एलोवेरा से कर रहीं निर्माण। उपयोग करने के साथ तकरीबन 500 लोगों में इसका निशुल्क वितरण कर चुकीं।
मधुबनी, कपिलेश्वर साह। कोरोना से बचाव के लिए मधुबनी की तकरीबन ढाई दर्जन महिलाएं हर्बल सैनिटाइजर बना रहीं। खुद उपयोग करने के साथ लोगों में निशुल्क बांट रहीं। अब तक तकरीबन 500 लोगों में इसका वितरण कर चुकी हैं। इस पर आने वाला खर्च आपसी सहयोग से जुटाती हैं। अब तक 10 हजार रुपये खर्च कर चुकी हैं। ये महिलाएं लोगों को कोरोना से बचने के लिए जागरूक भी करती हैं।
कोरोना से बचाव के लिए सैनिटाइजर की अचानक मांग बढ़ी तो यह बाजार से गायब हो गया। कुछ दुकानों पर मिल भी रहा था तो दोगुने-तिगुने दाम पर। ऐसे में पंडौल प्रखंड के पोखरसाम गांव की गिरजा देवी, उर्मिला देवी, साक्षी शर्मा, सोनी देवी, सोहागिया देवी, जयमाला देवी, सीता देवी, रागिनी देवी व नीलम देवी सहित करीब ढाई दर्जन महिलाएं हर्बल सैनिटाइजर बनाने के लिए आगे आईं। गुलाब जीविका ग्राम संगठन से जुड़ीं ये महिलाएं पहले से जैविक कीटनाशक व खाद बनाती हैं।
एंटीबॉयोटिक तत्वों से भरपूर नीम व फिटकरी, नष्ट होते त्वचा रोग के कीटाणु
होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. संतोष आनंद ने बताया कि एंटीबॉयोटिक तत्वों से भरपूर नीम औषधि के रूप में जाना जाता है। नीम की पत्तियों के लेप से त्वचा रोग के कीटाणु नष्ट होते हैं। फिटकरी के अनेक गुण हैं। चोट या फिर घाव से लगातार आ रहे खून को रोकने में यह कारगर होती है। सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा का कहना है कि घर में रहते हुए इसे तैयार कर निशुल्क वितरण से लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आएगी।
इस तरह करतीं निर्माण
हर्बल सैनिटाइजर बनाने मेंमहिलाओं ने गांव में ही आसानी से उपलब्ध नीम का पत्ता, एलोवेरा और फिटकरी का उपयोग किया। महिलाएं एक लीटर पानी में 50 ग्राम नीम का पत्ता, 10 ग्राम फिटकरी, 10 ग्राम एलोवेरा डालकर धीमी आग पर उबालती हैं। पानी आधा होने पर साफ कपड़े से छानकर प्लास्टिक या कांच के बोतल में रख लेती हैं। दो-तीन घंटे पर चार से पांच बूंद इस्तेमाल करती हैं। महज 10 रुपये में आधा लीटर सैनिटाइजर तैयार हो जाता है। महिलाओं का कहना है कि गांव में नीम का पत्ता व एलोवेरा फ्री में उपलब्ध है। सिर्फ फिटकरी की खरीदारी करनी होती है। इस कारण निशुल्क वितरण में कोई परेशानी नहीं है। पंडौल प्रखंड जीविका के जीविकोपार्जन विशेषज्ञ संदीप कुमार झा ने बताया कि एक बार तैयार सैनिटाइजर का उपयोग 10 दिन तक किया जा सकता है।