STUDENT LEADER शमीम हत्याकांड में अनिल ओझा व रामकुमार दोषी, दो को सुनाई जाएगी सजा
मामले के चार अन्य आरोपित पूर्व वार्ड पार्षद संजय पासवान पवनदेव कुमार रोशन कुमार व शंभू सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। छात्र नेता मो. शमीम खान हत्याकांड में कुख्यात अनिल ओझा व उसके गुर्गे रामकुमार को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। दोनों को दो मई को सजा सुनाई जाएगी। इस मामले के चार अन्य आरोपित पूर्व वार्ड पार्षद संजय पासवान, पवनदेव कुमार, रोशन कुमार व शंभू सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। मामले के सत्र विचारण के बाद अपर जिला व सत्र न्यायाधीश नवम् वीरेंद्र कुमार ने उसे यह सजा शुक्रवार को सुनाई।
यह है मामला
घटना एक अगस्त 2013 की शाम विवि परिसर की है। बाइक से जा रहे छात्र नेता मो. शमीम खान को गोलियों से भून दिया गया था। शमीम के पिता के बयान पर विवि थाना में केस दर्ज की गई थी। इसमें अनिल ओझा सहित अन्य को आरोपित बनाया गया था। अनिल ओझा लंबे समय से फरार था। फरार रहते ही पुलिस ने उसके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। बाद में नशे की हालत में पुलिस ने उसे मिठनपुरा से गिरफ्तार किया था।
हत्या से तीन माह पहले शमीम के घर पर की थी फायरिंग
शमीम की हत्या से तीन माह पहले शमीम के घर पर फायरिंग की गई थी। शमीम ने इस मामले में भी अनिल ओझा को आरोपित किया था। यह घटना 50 हजार रुपये रंगदारी की मांग को लेकर की गई थी। इस मामले में भी पुलिस ने अनिल ओझा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। फिलहाल इस मामले का सत्र-विचारण एडीजे-9 सुनील कुमार सिन्हा के कोर्ट में चल रहा है।
कड़ी सुरक्षा में शमीम की पत्नी व बहन की हुई थी गवाही
अनिल ओझा पर गवाहों को धमकी देने का आरोप लगा था। भय से पहला गवाह कोर्ट में मुकर गया था। शमीम की पत्नी तब्बसुम परवीन व बहन तराना खानम ने एसएसपी को पत्र लिखकर गवाही को लेकर सुरक्षा मुहैया कराने की प्रार्थना की थी। एसएसपी ने दोनों को एसटीएफ की सुरक्षा दी। तब जाकर दोनों की गवाही हुई।