ट्रेन को सिग्नल नहीं, लोको पायलट का इंतजार
ट्रेनों को लोको पायलट व गार्ड का इंतजार करना पड़ता है।
मुजफ्फरपुर। अब ट्रेनों को चलाने के लिए सिग्नल का नहीं, लोको पायलट व गार्ड का इंतजार करना पड़ता है। सिग्नल मिलने के बावजूद गार्ड व लोको पायलट की तैनाती नहीं होने के कारण ट्रेनें रुकी रहती हैं। हाल के दिनों में ऐसी कई लापरवाही सामने आई है।
रविवार को प्लेटफॉर्म पांच से दोपहर तीन बजे पाटलिपुत्र जानेवाली डीएमयू ट्रेन को चलाने के लिए स्टेशन मास्टर ने तैयारी पूरी कर ली। दोपहर 2:55 बजे स्टेशन मास्टर ने क्रू लॉबी कार्यालय में इंचार्ज को गार्ड और लोको पायलट को इंजन पर तैनात करने को कहा। इसके बाद पैनल केबिन के कर्मियों को सिग्नल देने को कहा। कर्मियों ने पैनल केबिन से सिग्नल भी दे दिया, लेकिन ट्रेन नहीं चली। पांच मिनट तक ट्रेन नहीं खुली तो पता किया गया। पता चला कि गार्ड व लोको पायलट एसी कार्यालय में आराम फरमा रहे हैं। बात बढ़ती देख स्टेशन मास्टर ने दौड़कर क्रू लॉबी कार्यालय में इंचार्ज से जल्द इंजन पर कर्मी को भेजने को कहा। इसके बाद लोको पायलट व गार्ड इंजन पर तैनात होने निकले। ऐसी समस्या आए दिन सामने आती है।
विलंब हुई मौर्य एक्सप्रेस
इंजन पर कर्मियों के लेट से आने के कारण हाजीपुर रेलमार्ग से आनेवाली मौर्य एक्सप्रेस को माड़ीपुर आउटर पर 20 मिनट तक रोकना पड़ा। इससे जंक्शन पर ट्रेन विलंब से आई। कर्मियों ने कहा कि क्रू लॉबी कार्यालय में घंटा भर पहले लोको पायलट और गार्ड को साइन किया गया। लेकिन, ट्रेन पर तैनात होने की जगह वे आराम करते रहे। यह लगभग हर दिन की स्थिति है। इससे परिचालन में दिक्कत होती है।