Move to Jagran APP

परंपरा और धर्म स्त्री मुक्ति के मार्ग में सबसे बड़ा अवरोध : डॉ.सुनीता

आरडीएस कॉलेज के स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग एवं भारतीय महिला दार्शनिक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में लैंगिक समानता एवं नारी अधिकार विषयक राष्ट्रीय वेब व्याख्यानमाला के छठे दिन आयोजित हुआ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 01:43 AM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 01:43 AM (IST)
परंपरा और धर्म स्त्री मुक्ति के मार्ग में सबसे बड़ा अवरोध : डॉ.सुनीता
परंपरा और धर्म स्त्री मुक्ति के मार्ग में सबसे बड़ा अवरोध : डॉ.सुनीता

मुजफ्फरपुर। आरडीएस कॉलेज के स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग एवं भारतीय महिला दार्शनिक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में लैंगिक समानता एवं नारी अधिकार विषयक राष्ट्रीय वेब व्याख्यानमाला के छठे दिन आयोजित हुआ। मुख्य वक्ता कवियत्री डॉ.सुनीता गुप्ता ने नई सदी में स्त्री स्मिता को केंद्र में रखकर कहा कि परंपरा और धर्म स्त्री मुक्ति के मार्ग में सबसे बड़ा अवरोध है। उन्होंने बीजिग घोषणापत्र के 25 साल पूरे होने पर कहा कि इस घोषणापत्र में 193 देशों के साथ भारत ने भी हस्ताक्षर किया था। आज सवाल उठता है कि इतने समय बाद भी समतामूलक समाज बनाने की दिशा में हम कहां तक पहुंचे हैं। राजनीति में तो महिलाओं की भागीदारी बिल्कुल नगण्य है। विशिष्ट वक्ता के रूप में वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो.रंजना शर्मा ने लिग समानता और शिक्षा पर प्रकाश डाला। डॉ.अनुराधा पाठक ने कहा कि वैदिक काल में स्त्री की स्थिति अच्छी थी मगर बाद के काल में निरंतर दयनीय होती चली गई। स्त्री के विरुद्ध जो शोषण है उसको दूर करना ही महिला सशक्तिकरण है। लिग समानता और नारी अधिकार को केंद्र में रखकर काव्य पाठ भी किया गया। हिदी के वरिष्ठ प्राध्यापक एवं कवि डॉ.रमेश गुप्ता ने सीमौन द बुआ की कविता को पढ़ते हुए कहा स्त्री बनती नहीं बनाई जाती है। रूसो की पंक्ति को उद्धृत करते हुए कहा कि मनुष्य स्वतंत्र पैदा होता है मगर अपने को जंजीरों में पाता है। डॉ.पयोली ने दिल में अरमान यही कुछ कर जाएं कुछ कर जाएं,सूरज सा तेज नहीं मुझ में दीपक सा जलता देखोगे पंक्तियां सुनाईं। डॉ.रेखा श्रीवास्तव ने मुझे ऐसी किसी डोर से ना बांधना जिसकी पकड़ तुम्हारे हाथ में हो बल्कि मुझे ऐसी डोर से बांधना जिसमें हम दोनों की उड़ान साथ हो सुनाया। प्राचार्य डॉ.ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि आज की वेब व्याख्यानमाला स्त्री सशक्तीकरण को केंद्र में रखकर हुई है। स्वागत डॉ.लक्ष्मी कुमारी साहू व संचालन डॉ.रेखा श्रीवास्तव एवं डॉ.पयोली ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ.राजीव कुमार ने किया। वेबिनार में प्रो.राजकुमारी सिन्हा, प्रो.अनीता सिंह, डॉ.इंदिरा कुमारी, डॉ.अनुराधा पाठक, डॉ.रामकुमार, डॉ.रजनीश कुमार गुप्ता, डॉ.नीलिमा झा, डॉ.आलोक प्रताप सिंह, डॉ. कहकशां, डॉ.ललित किशोर आदि मौजूद थे।

prime article banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.