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बिहार के इस शहर में सेब से भी महंगा हुआ टमाटर, आपके यहां क्या हाल है?

ठंड के मौसम में टमाटर की बढती मांग से इसकी कीमत में भारी उछाल देखा जा रहा है। टमाटर के साथ हरी सब्जियों की कीमत में लगातार इजाफा से किचेन का बजट बिगड़ गया है। वहीं सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 11:15 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 11:15 AM (IST)
बिहार के इस शहर में सेब से भी महंगा हुआ टमाटर, आपके यहां क्या हाल है?
माह के आरंभ में 20 से 30 रुपये बिकने वाला टमाटर 70 से 80 रुपये किलो तक जा पहुंचा।

मधुबनी, जासं। शहर में इनदिनों टमाटर सहित हरी सब्जियों की कीमत आसमान छू रहे हैं। नवंबर में यहां 20 से 30 रुपये बिकने वाला टमाटर 70 से 80 रुपये किलो बिक रहा है। जबकि सेब के दाम इससे कम हैं। ऐसे में टमाटर आम लोगों की पहुंच से दूर हो रही है। खासकर ठंड के मौसम में टमाटर की बढती मांग से इसकी कीमत में भारी उछाल देखा जा रहा है। टमाटर के साथ हरी सब्जियों की कीमत में लगातार इजाफा से किचेन का बजट बिगड़ गया है। वहीं सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है।

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टमाटर के थोक विक्रेताओं की गरम हो रही जेब

शहर में टमाटर की बढती कीमत से इसके थोक विक्रेताओं की जेब गरम हो रही है। मगर, इसके उत्पादक किसानों को टमाटर का बाजार मूल्य नहीं मिल पा रहा है। इन दिनों स्थानीय स्तर पर उत्पादन होने वाले तथा समस्तीपुर से आने वाले टमाटर की बिक्री हो रही हैं। जिले के किसानों से 35 से 40 रूपये खरीदी गई टमाटर मंडी में 70 से 80 रुपये किलो बिक रहा है। बता दें कि जिले में करीब 100 हेक्टेयर में टमाटर की खेती होती है। टमाटर उत्पादन खजौली के विलट सिंह कुशवाह ने बताया कि जिले में थाइलैंड किस्म की टमाटर का भी उत्पादन हो रहा है।

समस्तीपुर, झारखंड, बंगाल से हो रही सब्जियों की आपूर्ति

वर्तमान में स्थानीय सब्जी मंडी में बिकने वाले टमाटर सहित अधिकांश सब्जियां समस्तीपुर, झारखंड, बंगाल से आपूर्ति हो रही है। बता दें कि इस वर्ष अक्टूबर तक लगातार बारिश के कारण सब्जियों के फसल नष्ट हो जाने से बाजार में अन्य जिलों से सब्जी की आपूर्ति हो रही है। जिससे इसकी दरों में उछाल है। बता दें कि अक्टूबर में खेत में लगाए जाने वाली हरी सब्जियां नवंबर से लगाई जा रही है। हरी सब्जियों की बुआई में करीब एक माह विलंब होने से स्थानीय स्तर पर होने वाली सब्जियां जनवरी तक बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है। एक से तीन माह में तैयार होने वाले सब्जियों में फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, प्याज, मटर, बैगन, विंस, चुकंदर, सरसो, पालक, हरा मिर्च, मूली सहित अन्य शामिल है।

इन दरों पर मिल रही सब्जियां

फूलगोभी : 30 से 40 रु. प्रति किलो

पत्ता गोभी : 35 से 40 रु. प्रति किलो

परवल : 50 से 60 रु. प्रति किलो

बैगन : 40 से 50 रु. प्रति किलो

नेनुआ : 30 से 40 रु. प्रति किलो

भिंडी : 40 से 50 रु. प्रति किलो

टमाटर : 70 से 80 रु. प्रति किलो

आलू : 25 से 30 रु. प्रति किलो

प्याज : 35 से 40 रु. प्रति किलो

चठैल : 50 से 60 रु. प्रति किलो

विंस : 90 से 100 रु. प्रति किलो

शिमला मिर्च : 100 से 140 रु. प्रति किलो

सिम : 70 से 80 रु. प्रति किलो

पालक : 40 से 40 रु. प्रति किलो

मूली : 35 से 40 रु. प्रति किलो 


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