Coronavirus News : इस वैश्विक महामारी से बचाव के लिए अब बच्चे पढ़ेंगे ‘माय हीरो इज यू’ का पाठ
Coronavirus News हिंदी संस्करण भी हुआ जारी। विश्व की सौ भाषाओं में है उपलब्ध। 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सर्वे के आधार पर बनी कहानी।
पूर्वी चंपारण, संजय कुमार सिंह। Coronavirus News : बच्चों को कोई भी बात समझाने का एक सशक्त माध्यम कथा-चित्र है। उनक कोमल मन पर कहानियों का बहुत बड़ा असर होता है। अगर कहानियों में चित्र भी हो तो उनकी रुचि और बढ़ जाती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए इंटर एजेंसी स्टैंडिंग कमेटी ने 22 पेज में काल्पनिक कहानियों और चित्रों की सहायता से एक कथा-चित्र तैयार की है। इसे डब्ल्यूएचओ, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और सेव द चिल्ड्रेन जैसी 50 संस्थाओं की मदद से बनाया गया है। इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य 06 से 11 वर्ष के बच्चों को कोविड-19 से लड़ने के लिए तैयार करना है। जिससे कि वे कैसे अपने परिवार, दोस्तों और खुद को इस महामारी से बचा सकते हैं। कैसे वे वास्तविकता के साथ इसका सामना कर सकते हैं। कहानी का नाम दिया गया है ‘माय हीरो इज यू’।
कहानी से पूरे विश्व के बच्चों को जोड़ने की कोशिश
माय हीरो इज यू की कहानी को विश्वव्यापी बनाने तथा हरेक तबके के बच्चों से जोड़ने के लिए 17 सौ बच्चों, अभिभावक तथा शिक्षकों से कोविड से निपटने के तरीकों का पता कर एक काल्पनिक स्टोरी तैयार की गई है। इसमें एरियो एक मुख्य किरदार है। यह पुस्तक विश्वभर में ऑडियो बुक और ऑनलाइन पुस्तक के रूप में सौ से अधिक भाषाओं मे उपलब्ध है। जिसमें हिंदी भाषा भी शामिल है।
...और सारा हो जाती है एरियो के पीठ पर सवार
कहानी में सारा एक छोटी बच्ची है। उसकी मां ही उसकी हीरो है क्योंकि वह दुनिया की सबसे अच्छी वैज्ञानिक है। संक्रमण के कारण उसका स्कूल बंद है। उसे अपने दोस्तों की याद आ रही थी। वह चाहती थी कि कोरोना वायरस दुनिया को डराना बंद कर दे। इसी उधेड़बुन में वह एक रात विचलित सी थी। और कहानी आगे बढ़ती है। सारा हांफते हुए बोली मैं दुनिया के सारे बच्चों को कोरोना वायरस के बारे में बता सकती हूं, लेकिन क्या मैं यात्रा कर सकती हूं। सारा एरियो के पीठ पर सवार होकर खिड़कियों से चंद्रमा की तरफ उड़ जाती है। कहानी को काफी रोचक बनाया गया है।
अभिभावकों की भूमिका भी असरदार
हिंदी संस्करण ‘तुम मेरे हीरो हो’ जितना बच्चों को कनेक्ट करती है, उतना ही वह उनके अभिभावकों को भी कहानी से जोड़ती है। इस कथा को अभिभावक अगर अपने बच्चों को हाव-भाव के साथ सुनाते हैं तो वे बच्चों को इस कहानी का मकसद बेहतर ढंग से समझा पाएंगे। इस कहानी के माध्यम से कोविड संक्रमण के दौरान काफी कुछ जानने और सीखने को मिल सकता है। अभिभावक को भी बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है।