वीटीआर में अब आसानी से होगा बाघों का दीदार, दस वर्षों में पांच गुना हुई संख्या
जंगल सफारी के दौरान बाघों के दीदार की इच्छा यहां निश्चित रूप से पूरी होती है। नये साल में यहां और कई सुविधाएं बढऩे वाली हैं। फिलहाल नेचर गाइडों के नेतृत्व में दो वाहनों से सैलानी सफारी का आनंद उठा रहे।
पश्चिम चंपारण, जासं । जंगल के भ्रमण का प्लान बने तो बिहार का वाल्मीकि टाइगर रिजर्व यानी वीटीआर सबसे मुफीद है। 840.26 वर्ग किलोमीटर में फैले इस रिजर्व क्षेत्र में 40 से अधिक बाघ हैं। जंगल सफारी के दौरान बाघों के दीदार की इच्छा यहां निश्चित रूप से पूरी होती है। नये साल में यहां और कई सुविधाएं बढऩे वाली हैं। फिलहाल नेचर गाइडों के नेतृत्व में दो वाहनों से सैलानी सफारी का आनंद उठा रहे। नववर्ष में सफारी के लिए प्रयोग किए जाने वाले वाहनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। सशस्त्र जवानों की तैनाती की जाएगी। गैंडे के अधिवास क्षेत्र को भी विकसित किया जाएगा। साथ ही डॉल्फिन और मगरमच्छ के लिए भी गंडक नदी के कुछ हिस्से को विकसित करने की तैयारी है। बीते 10 साल में बाघों की संख्या पांच गुना बढ़ गई है। फिलहाल यहां 40 से अधिक बाघ हैं। साल 2010 के सर्वे में यहां मात्र आठ बाघ पाए गए थे।
देशभर में बाघों का सर्वे के दौरान संख्या के बढ़ोतरी के मामले में यह टाइगर रिजर्व अग्रणी माना जा रहा। बाघों की संख्या बढऩे से यहां बाघ के दीदार की हसरत लिए आने वाले पर्यटकों को निराश नहीं होना पड़ रहा। अमूमन जंगल सफारी के दौरान झाडिय़ों के आसपास आराम फरमाते बाघ दिख जाते हैं। पश्चिम चंपारण वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मुख्य वन संरक्षक एच के राय का कहना है कि टाइगर रिजर्व में हाल में एक बाघिन अपने शावकों के साथ देखी गई है। बाघों की संख्या का बढऩा न सिर्फ इस रिजर्व बल्कि देश के लिए शुभ संकेत है। अनुकूल परिस्थितियां और विभागीय स्तर पर की गई व्यवस्था बाघों की संख्या बढऩे में सहायक सिद्ध हुए। नये साल में जंगल सफारी के लिए आने वाले पर्यटकों को बाघों का दीदार होना सुखद है।
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या
साल कुल बाघ
2000-01 30
2005-06 18
2010-11 08
2013-14 28
2018-19 36 से 38
2019-20 40 से अधिक
(आधिकारिक आकड़ा जारी होना शेष)