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बिहार के पश्चिम चंपारण में बाघ ने किसान को मौत के घाट उतारा , ग्रामीणों में दहशत

बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित हरनाटाड़ से जुड़ा हुआ है मामला। यहां बाघ ने 65 वर्षीय रामप्रसाद उरांव को अपना शिकार बना लिया। वे उस समय खेत में काम कर रहे थे। बाघ अभी शव को लेकर गन्ने के खेत में छुप गया है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 21 Sep 2022 12:16 PM (IST)Updated: Wed, 21 Sep 2022 12:16 PM (IST)
बिहार के पश्चिम चंपारण में बाघ ने किसान को मौत के घाट उतारा , ग्रामीणों में दहशत
घटना के बाद मौके पर ग्रामीण जमा हो गए हैं। फोटो: जागरण

बगहा, जासं। लौकरिया थाना क्षेत्र के बरवा कला के बहिरी देवी सरेह में बुधवार की सुबह 11 बजे खेत में काम कर रहे एक किसान पर बाघ ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया और शव को घसीटते गन्ने के खेत में लेकर चला गया। एक घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों के सहयोग से शव गन्ने के खेत से निकाला गया। घटना को लेकर ग्रामीण सहमे और आक्रोशित हैं।

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लौकरिया थाना क्षेत्र के बरवा कला निवासी 65 वर्षीय रामप्रसाद उरांव अपनी पत्नी बुल्का देवी, बेटी रजवंती देवी देवी के साथ सुबह खेत में सोहनी करने के लिए गए थे। उनके साथ दो साल का पोता भी था। वह सोहनी कर रहे थे। तभी जंगल से निकलकर एक बाघ ने पीछे से हमला कर उनके शव को घसीटते गन्ने के खेत में ले जाने लगा। पत्नी व दूसरे खेत में काम कर रहे ग्रामीणों ने शोर मचाया,लेकिन बाघ शव को गन्ने के खेत में लेते चला गया। सूचना पाकर सैकड़ों की संख्या ग्रामीण मौके पर पहुंचे। एक घंटे की मशक्कत के बाद शव को गन्ने के खेत से निकाला गया। बता दें कि बीते 12 सितंबर को हरनाटाड़ के बैरिया कला गांव के सरेह में बकरियों के लिए घास काट रही प्रेमा कुमारी पर उसी बाघ ने हमला बोलकर मौत के घाट उतार दिया था। अगले दिन आक्रोशित ग्रामीणों ने शव लेकर रेंज आफिस पर प्रदर्शन किया था और सुरक्षा की मांग की थी।घटना के बाद से वन विभाग ड्रोन कैमरे से बाघ की तलाश कर रहा था। बाघ तो नहीं मिला एक और किसान की जान चली गई।

आधा दर्जन बार हमला कर चुका बाघ

बाघ के हमले में किसान की मौत पर ग्रामीण आक्रोशित हैं। इससे पूर्व भी बाघ आधा दर्जन बार हमला बोल चुका है। इस साल आठ मई को इसी गांव से सटे बगीचे में खेल रहे एक बच्चे पर बाघ ने हमला बोल दिया। जख्मी 17 वर्षीय अविनाश कुमार को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए गोरखपुर रेफर कर दिया गया। जहां किसी तरह उसकी जान बची। इस घटना के महज छह दिनों के बाद चिउटाहां वन क्षेत्र के जिमरी नौतनवा निवासी 12 वर्षीय राजकुमार बैठा दोस्तों के साथ साग चुनने के लिए जंगल की ओर गया हुआ था। जहां बाघ ने हमला बोल उसे मौत के घाट उतार दिया। काफी खोजबीन के बाद कक्ष संख्या 32 से किशोर का शव बरामद हुआ। 15 जुलाई को बैरियाकला गांव के एक बुजुर्ग 65 वर्षीय धर्मराज काजी के शव के अवशेष हरनाटांड़ वन क्षेत्र के कक्ष संख्या दो से बरामद किए गए। वह खत की ओर गए थे और तबसे लापता हो गए थे। जांच में इसकी पुष्टि हुई कि बुजुर्ग की जान बाघ ने ही ली है। 12 सितंबर को प्रेमा देवी को बाघ ने मौत के घाट उतारा था।


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