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देश दहलाने की फिराक में बिहार के तीन दर्जन आतंकी, जांच एजेंसियां अलर्ट

बिहार के तीन दर्जन आतंकवादी देश में कोहराम मचाने की साजिश रच रहे हैं। इस सूचना पर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं हैं। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 07:18 PM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 10:53 PM (IST)
देश दहलाने की फिराक में बिहार के तीन दर्जन आतंकी, जांच एजेंसियां अलर्ट
देश दहलाने की फिराक में बिहार के तीन दर्जन आतंकी, जांच एजेंसियां अलर्ट
मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। आतंकवाद की जड़ें बिहार में गहरी हो रही हैं। यहां के तीन दर्जन आतंकवादी देश में बड़ी वारदातें करने की फिराक में हैं। खुफिया विभाग ने ऐसे 36 आतंकवादियों की सूची एटीएस (आतंकवाद निरोध सेल) को सौंपी है। देश को दहलाने की आतंकी साजिशों की इस खुफिया सूचना के मद्देनजर बिहार में जांच एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं।
विदित हो कि बिहार में पहले से ही आतंकियों की सक्रियता रही है। समय-समय पर छापेमारी के साथ गिरफ्तारी भी हुई है। खुफिया एजेंसियां व पुलिस उन छद्म नाम, पता वाले आतंकियों की पहचान में जुटी हैं, जिसके बारे में एनआइए को सिर्फ भनक लगी है। साथ ही एनआइए की ओर से जारी आधा दर्जन महिला आतंकियों की तस्वीरों के आधार पर भी जांच चल रही है।
एटीएस को लिखे खुफिया विभाग ने पत्र के अनुसार ये आतंकवादी आगामी त्‍यौहारी मौसम में देश के अन्य भागों के अलावा बिहार में दहशतगर्दी की बड़ी घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं। वे ठेले-खोमचे वाले के रूप में टारगेट की रेकी कर सकते हैं। वे वहां बस-ट्रेन आदि से जा सकते हैं। खुफिया विभाग ने विशेष सतर्कता की हिदायत दी है। यह अलर्ट इसलिए महत्‍वपूर्ण है कि बिहार में बीते कुछ सालों के दौरान कई आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं।
सूची में ये नाम शामिल
खुफिया विभाग ने कुछ आतंकवादियों के नाम भी जारी किए हैं। इनमें पटना के आठ नाम शामिल हैं। सूची के अनुसार आतंकवादियों में फुलवारीशरीफ (पटना) के जियाउद्दीन अंसारी उर्फ जलालुद्दीन अंसारी, सैयद साह हसीब रजा उर्फ हबीब रजा, मो. शकील मंजर परवेज, शेखावत अली उर्फ मुन्ना भाई, रियाजुल मुजाहिद उर्फ खुसरू भाई शामिल हैं। सूची में दानापुर (पटना) के मो. जावेद, खगौल (पटना) के मो. इतसामुल हक तथा एक्जीविशन रोड (पटना) के मो. अबरार आरिफ के नाम भी दर्ज हैं।
आइएम के 13 गिरफ्तार आतंकियों में 12 दरभंगा के
विदत हो कि इसके पहले देश में विभिन्न जगहों पर बम विस्फोटों में संलिप्तता के आरोप में इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) से जुड़े 13 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से 12 दरभंगा के हैं। ये हैं असादुल्लाह रहमान उर्फ दिलकश, कफील अहमद, तलहा अब्दाली उर्फ इसरार, मोहम्मद तारिक अंजुमन, हारुण राशिद नाइक, नकी अहमद, वसी अहमद शेख, नदीम अख्तर, अशफाक शेख, मोहम्मद आदिल, मोहम्मद इरशाद, गयूर अहमद जमाली और आफताब आलम उर्फ फारुक। एक पाकिस्तानी आतंकी मो. आदिल भी पकड़ा गया है।
पटना ब्लास्ट के बाद निशाने पर आया मुजफ्फरपुर
बीते 27 अक्तूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में भाजपा के तत्‍कालीन प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की सभा (हुंकार रैली) में सीरियल विस्फोट हुए थे। इस घटना में छह लोगों की मौत हुई थी, जबकि 85 घायल हुए थे। इस घटना के बाद मुजफ्फरपुर का नाम पहली बार आतंकी घटना में सामने आया था।
इस मामले में आइएम के आतंकी मो. अली की तलाश में एनआइए ने मनियारी और मीनापुर थाना क्षेत्र में छापेमारी की थी। हालांकि, वह पकड़ा नहीं गया। वहीं, मिठनपुरा थाने के मालीघाट इलाके से सटे सैयद कॉलोनी से मो. आफताब को दिल्ली में हिरासत में लिया गया था। इसके बाद उसके घर पर छापेमारी हुई। इस दौरान लैपटॉप जब्त किया गया था। जांच के बाद उसे छोड़ दिया गया।
बाद में एनआइए सरवर की तलाश में नगर थाने के चंदवारा स्थित अहमद लॉज में पहुंची थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। पता चला कि वह ब्लास्ट के एक-दो दिन बाद ही वह लॉज छोड़कर भाग गया था। एनआइए की पकड़ में नहीं आए मुजफ्फरपुर से जुड़े आतंकियों की भी तलाश हो रही है।
बोधगया धमाके से भी जुड़े आतंकवादियों के तार
बिहार में और भी कई आतंकी घटनाएं हुईं हैं। 07 जुलाई 2013 को बिहार में दूसरी बड़ी आतंकी वारदात घटना हुई थी। बिहार के गया स्थित प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर परिसर के चारों ओर कुल आठ बम विस्‍फोट हुए थे। इस घटना में छह की मौत हुई, जबकि पांच घायल हुए थे। इस घटना में भी आतंकियों की गिरफ्तारी हुई थी।
घोड़ासहन स्टेशन के समीप रेलवे ट्रैक पर प्लांट हुआ था आइईडी
उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए रेल हादसों व पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन स्टेशन के पास इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइईडी) लगाने की साजिश के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ थी। मोतिहारी पुलिस के हत्थे चढ़े तीन शातिर अपराधियों ने यह बात स्वीकर कर ली थी। घोड़ासहन के पश्चिमी सिग्नल के समीप 01, अक्टूबर 2016 को रेलवे ट्रैक को बम से उड़ाने के प्रयास में असफल होने पर अरुण राम व दीपक राम को नेपाल में बुलाकर हत्या कर दी गई। दोनों युवक आदापुर थाने के लक्ष्मीपुर पोखरिया गांव के निवासी थे। आइईडी विस्फोट की जिम्मेवारी दोनों युवकों को दी गई थी।
रफीगंज में राजधानी एक्‍सप्रेस को बनाया निशाना
इसके पहले 10 सितम्बर 2002 को आतंकियों ने रफीगंज में हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त कर दिया था। इसमें दो सौ से अधिक यात्री मारे गए थे, जबकि 150 से अधिक घायल हो गए थे। पहले इस घटना को दुर्घटना माना जा रहा था, लेकिन बाद में जांच के दौरान इसके आतंकी वारदात होने का खुलासा हुआ।
एसपी ने कहा, पुलिस सतर्क
मुजफ्फरपुर के एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि आतंकी अलर्ट जैसी कोई खुफिया इनपुट जिला पुलिस प्रशासन को प्राप्त नहीं है। संदिग्ध गतिविधियों को लेकर सतर्कता हर वक्त बरती जाती है। भीड़ वाली जगहों पर सादी पोशाक में भी पुलिस तैनात रहती है।

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