तमाम कोशिशों के बाद भी अतिक्रमण कायम, तालाबों के अस्तित्व पर खतरा Muzaffarpur News
बारिश कम होने और कड़ी धूप व गर्मी से तालाबों का पानी सूखा। अधिकतर तालाबों को भर कर बना लिए गए मकान व खेत-खलिहान।
मुजफ्फरपुर [दिलीप भारती]। जमीन की भूख में जिस पर जीवन निर्भर है उसी के अस्तित्व को लोग नष्ट कर रहे हैं। अभी नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब पीने का पानी आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाए। लोग तालाब, कुआं, पोखर को भरकर मकान व खेत-खलिहान बनाने लगे हैं। तालाब का अस्तित्व तो लगभग समाप्त हो चुका है। दूर-दूर तक चौर में कहीं पानी नहीं दिखाई देता। इससे वन प्राणी भी पानी की तलाश में भटकते-भटकते दम तोड़ रहे हैं। लोगों के स्वार्थ के साथ सरकार की उदासीनता भी जल संकट के लिए जिम्मेदार है।
प्रखंड में सरकारी और निजी लगभग सौ से अधिक तालाब थे, लेकिन 80 फीसद का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। अधिकतर तालाबों को लोगों ने भर कर खेत बना लिया तो शेष पर किसी का ध्यान नहीं रहा। जिम्मेदार लापरवाह रहे और सरकारी व गैर सरकारी तालाब अतिक्रमणकरियों के चंगुल में फंस रहें। इनमें पानी भी नहीं रहा।
सौ वर्ष पूर्व एक एकड़ जमीन पर बनवाया था तालाब
साहेबगंज नगर पंचायत के मध्य में पूर्व मुखिया मोहन प्रसाद उर्फ भिखारी साह ने सौ वर्ष पूर्व एक एकड़ जमीन में तालाब बनवाया था। इसके चारों तरफ पक्की सीढिय़ां बनाई गई थी। तालाब के चारों ओर समाजसेवी ने हरे-भरे एक हजार वृक्ष लगवाए थे। लोगों का कहना है सौ वर्ष में इस साल पहली वार तालाब का पानी सूखा है। यहां बारहों मास तालाब में पानी रहता था। इसके तट पर राम जानकी मंदिर का निर्माण भी उन्होंने कराया था। अब तालाब की जमीन का तेजी से अतिक्रमण जारी है। भिखारी साह के पोता मुकेश जायसवाल का कहना है कि तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए अंचल कार्यालय के नजारत में एक हजार रुपये की रसीद कटाकर नापी के लिए दौड़ाया जाता रहा। अंचलाधिकारी टालते रहे।
निजी खर्च से कराई थी उड़ाही
तालाब की उड़ाही 2013-14 में मुकेश जायसवाल ने निजी खर्च से कराई थी। उन्होंने अपने पूर्वज की याद में तालाब की सीढिय़ों की मरम्मत कराकर उक्त धरोहर को जन उपयोग के लिए समाज को सौंप दिया था। लोगों की नकारात्मक सोच और उपेक्षा से धीरे-धीरे यह सूख गया।
तालाब को अतिक्रमणमुक्त कराने की उठाई मांग
मुकेश जौहरी, अभिनव कुमार, गुंजन कुमार, राकेश कुमार, राजन कुमार, दीपक कुमार, नीरज कुमार, गया प्रसाद चौधरी, रामनारायण राय ने बताया कि अच्छी बारिश नहीं होने से तालाब में पानी नहीं भरा। जो पानी था वह कड़ी धूप व गर्मी के कारण सूख गया। वन प्राणियों के समक्ष जल संकट बना है। वे पानी के अभाव में मर रहे हैं। लोगों ने भिखारी साह तालाब को बिजली चालित मोटर पंप उपलब्ध कराने तथा इसकी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की सरकार से मांग की है।