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West Champaran News: ठंड से आलू के किसान रहें सावधान, गेहूं की फसल के लिए यह मौसम लाभदायक

West Champaran News पिछले एक सप्ताह से जारी ठंड एवं तापमान में उतार चढ़ाव कई फसलों के नुकसान साबित हो सकता है जबकि गेहूं की फसल को यह मौसम काफी लाभदायक साबित होगा। सरसो राई तोरी सहित सब्जियों पर भी पड़ सकता है ठंछ का असर।

By Murari KumarEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 04:15 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 04:15 PM (IST)
West Champaran News: ठंड से आलू के किसान रहें सावधान, गेहूं की फसल के लिए यह मौसम लाभदायक
पश्‍च‍िम चंपारण। आलू व मक्के की अन्तवर्ती खेती

पश्‍च‍िम चंपारण, जागरण संवाददाता। पिछले एक सप्ताह से जारी ठंड एवं तापमान में उतार चढ़ाव कई फसलों के नुकसान साबित हो सकता है, जबकि गेहूं की फसल को यह मौसम काफी लाभदायक साबित होगा। कपकपाती ठंड ने जिले में गौनाहा के कुछ क्षेत्रों में आलू की फसल पर अपना प्रभाव डाल चुका है। यहां कुछ किसानों के आलू पर पछेत झुलसा रोग का प्रकोप देखा जा रहा है। जबकि दूसरे जिस्सों में भी इस रोग का असर पड़ सकता है। इस मौसम से आलू की फसल को बचाव के लिए किसानों को किसी भी फफूंदनाशी दवा का छिड़काव करना आवश्यक है।

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 कृषि विज्ञान केन्द्र, माधोपुर के कृषि वैज्ञानिक डा. धीरू तिवारी के अनुसार तापमान में गिरावट आलू की फसल की फसल पर झुलसा रोग का प्रकोप हो सकता है। किसानों को इस रोग से बचाव के लिए 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मैकोजेब का छिडकाव करना लाभदायक साबित होगा। कृषि वैज्ञानिक डा. तिवारी ने बताया कि खेतों में तापमान को बढ़ाने के लिए मेढ़ पर धूंआ करना किसानों के हित में होगा। इसके अलावा यदि संभव हो, तो किसानों को ङ्क्षसचाई भी करनी चाहिए। इससे तापमान में बढ़ोत्तरी के साथ -साथ इस रोग के प्रभाव से बचा जा सकता है।

 तेलहन फसलों राई, तोरी सरसो की फसल में जिसमें फूल लग चुके हैं, उसमें ठंडा के प्रभाव से उसमें दाने लगने में परेशानी हो सकती है। वहीं जिसमें दाना लग गए हैं, उसमें लाही का प्रकोप हो सकता है। किसानों को इससे बचाव के लिए किसी फफूंदनाशी दवा का छिड़काव करना चाहिए। कृषि वैज्ञानिक के अनुसार जिसमें फुल आ गया है, उसमें अधिक ठंड होने चलते परागन की समस्या हो सकती है। इन चीजों के लिए 1  ग्राम प्रति लीटर वेटेबल सल्फर का पत्तियों पर छिड़काव करना चाहिए। 

ठंड के वजह से मक्के की फसल में फास्फोरस का अवशोषण होता है प्रभावित 

जानकारों के मुताबिक अधिक ठंड के चलते मक्के की फसल में फास्फोरस का अवशोषण प्रभावित होता है। यानी फास्फोसरस ग्रहण क्षमता कम हो जाता है, ऐसे में किसानों को सूक्ष्म पोषक तत्वों के मिश्रण का प्रयोग करना चाहिए। ठंड का असर सब्जियों में भी पड़ता है। इसमें चौड़ी पत्ती वाली सब्जियों में इसका सर्वाधिक असर होता है। इससे बचाव के लिए किसानों को किसी भी फफूंदनाशी का छिड़काव करना चाहिए। 

73 हजार हेक्टेयर में लगी गेहूं की फसल को लाभ

अत्यधिक ठंड एवं कोहरा वाला मौसम गेहूं की फसल के लिए ज्यादा लाभदायक है। जिले में 73 हजार हेक्टेर में लगी गेहूं की फसल को वर्तमान मौसम से ज्यादा लाभ होगा। 


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