लीची-आम जैसे कृषि उत्पादन को बाजार उपलब्ध कराने के लिए ये उपाय किए जा रहे, अाप भी इसके बारे में जानें
लीची व आम समेत अन्य फलों सब्जियां और मसालों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की पहल।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अब मुजफ्फरपुर में उत्पादित फल, सब्जियां और मसालों को देश के अलग-अलग हिस्सों में बाजार मिलेगा। लीची और आम समेत अन्य उत्पादन को बाजार उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय खुद आगे आया है। केंद्र सरकार के हॉर्टिकल्चर कमिश्नर डीएनएस मूर्ति ने जिला समेत देशभर के उत्पादक, क्रेता व विक्रेताओं का वॉट्सएप ग्रुप बनाया है। वे खुद इस ग्रुप के एडमिन हैं। साथ ही प्रतिदिन ग्रुप की मॉनीटरिंग भी कर रहे हैं।
15 कारोबारियों को शामिल किया गया
बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह की पहल पर इस ग्रुप में मुजफ्फरपुर के भी 15 कारोबारियों को शामिल किया गया है। हॉर्टिकल्चर कमिश्नर ने देशभर के किसानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जहां उनकी परेशानी सुनी, वहीं उत्पादन को बाजार उपलब्ध कराने के लिए वॉट्सएप ग्रुप बनाया। उन्होंने अलग-अलग जिलों के किसानों से बात की।
इनमें मुजफ्फरपुर से लीची उत्पादक संघ अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह, दामोदरपुर के विजय कुमार, सुमेरा के मो. फैज, समस्तीपुर के सुधांशु कुमार, वैशाली के विपिन कुमार पांडेय व अमरेंद्र झा समेत कई जिलों के किसान शामिल हुए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विशेष सचिव सुधा मिश्रा भी शामिल हुईं।
केंद्र सरकार की पहल से कारोबारी उत्सुक
वॉट्सएप ग्रुप बनने के बाद से खरीद-बिक्री को लेकर कारोबारी उत्सुक नजर आ रहे हैं। बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है जब केंद्र सरकार के स्तर पर इस तरह की पहल की गई है। बताया कि किसानों को अपना उत्पादन बेचने में परेशानी नही होगी। हालांकि, आम-लीची को लेकर इस बार बाजार में अनिश्चितता बरकरार है।
किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा
दिल्ली-मुंबई रेड जोन में हैं। ऐसे में लीची पहुंच भी जाती है तो बिकेगी कैसे? उन्होंनें कहा कि इस बार किसानों को परेशानी और नुकसान से जूझना पड़ेगा। लेकिन, केंद्र सरकार की इस पहल से आने वाले समय में लोगों को फायदा मिलेगा। बताया कि हॉर्टिकल्चर कमिश्नर ने लीची के लिए स्पेशल वैन चलाने का आश्वासन दिया है।