छाई के दुष्प्रभाव से बचाने का अविलंब उपाय करे थर्मल प्लांट प्रबंधन
भवन निर्माण कार्य में हो थर्मल से निकलने वाली छाई का उपयोग ईंट निर्माण में हो सकता इस्तेमाल। दैनिक जागरण के चुनावी चौपाल में शामिल लोगों ने थर्मल की लापरवाही पर जताई नाराजगी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कांटी थर्मल पावर स्टेशन से निकलने वाली छाई कोठिया, विशुनपुर सुमेरा, पकड़ी, कांटी कस्बा समेत आधा दर्जन गांवों के लिए अभिशाप बन गई है। कोठिया मन भी छाई जमा होने के कारण सूख रहा है। किसानों की खेती चौपट हो गई है। हवा एवं पानी के प्रदूषित होने के कारण लोगों की सेहत भी बिगड़ रही है। कई वर्षों से हजारों की आबादी इस समस्या से मुक्ति के लिए छटपटा रही है।
लेकिन, विकराल हो चली इस समस्या के समाधान का कोई कारगर उपाय आज तक नहीं किया गया। न सरकार सचेत हुई और न ही जनप्रतिनिधियों ने पहल की। ये बातें दैनिक जागरण द्वारा गुरुवार को चांदनी चौक स्थित एक भवन में आयोजित चुनावी चौपाल के दौरान उभरकर सामने आईं। चौपाल में शामिल लोगों ने कहा कि थर्मल पावर स्टेशन से सटा कोठिया गांव छाई के कारण सबसे अधिक प्रभावित है। लोगों ने थर्मल के लिए जमीन दी थी ताकि गांव का विकास होगा।
बुनियादी समस्याओं का निदान होगा, लेकिन छाई उनकी परेशानी का सबब बन गई। कोठिया मन में छाई भरने से गांव वालों के मछली पालन का पारंपरिक रोजगार चौपट हो गया। उनकी खेती भी खत्म होने के कगार पर है। आम, लीची व बांस सब बर्बाद हो गए। मलाल इस बात का है कि इस बड़ी समस्या का निदान नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि शासन एवं प्रशासन की यह जिम्मेवारी बनती है कि ग्रामीणों को इस पीड़ा से मुक्ति दिलाए। थर्मल पावर प्रशासन छाई के निष्पादन का उपाय करे। इसको जमाकर भवन निर्माण सामग्री, ईंट आदि का निर्माण कराया जाए।
ये हुए शामिल
अधिकार के निदेशक अधिवक्ता संजीव कुमार, मनीष कुमार, रवि कपूर, डॉ. एके सहाय, नवल कुमार श्रीवास्तव, अजय कुमार, ताराशंकर मिश्रा, अजय कुमार शर्मा, धीरज कुमार, राजेश कुमार, पंकज कुमार अदि।
सामने आईं ये बातें
- छाई के निष्पादन की दिशा में हो ठोस एवं कारगर पहल
- इसको जमाकर तैयार किया जाए भवन निर्माण सामग्री
- कोठिया मन में छाई युक्त गंदा पानी बहाना बंद होना चाहिए
- भर चुके मन का जीर्णोद्वार कराए थर्मल पावर प्रबंधन
- जिस जगह को छाई गिराने के लिए चिह्नित किया गया था उसको घेर कर वहीं पर स्टॉक हो