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मुजफ्फरपुर में राशन वितरण के नाम पर खूब हुआ है खेल, जानिए जांच की स्थिति

प्राथमिकी दर्ज कर सिमटी पुलिस आरोपित डीलरों की गिरफ्तारी में पुलिस की कार्रवाई पड़ी धीमी। प्रशासन की तरफ से त्वरित कार्रवाई करते हुए 35 डीलरों के लाइसेंस किए जा चुके रद। पुलिस पदाधिकारियों का कहना है कि पहले कोरोना व लॉकडाउन से केसों में कार्रवाई गति धीमी रही।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 08:38 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 08:38 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में राशन वितरण के नाम पर खूब हुआ है खेल, जानिए जांच की स्थिति
इस तरह की गड़बड़ी करनेवालों पर कार्रवाई की जाएगी।

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। राशन वितरण में गड़बड़ी करने के मामले में दर्ज केसों में पुलिस की कार्रवाई शिथिल है। वहीं, वरीय अधिकारियों की तरफ से इसकी समीक्षा भी नहीं की जा रही है। पुलिस पदाधिकारियों का कहना है कि पहले कोरोना व लॉकडाउन से केसों में कार्रवाई गति धीमी रही। इसके बाद चुनाव से कार्रवाई नहीं हो सकी। अब तेज गति से केसों में कार्रवाई की जा रही है। 

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बता दें कि कुछ महीने पूर्व राशन वितरण में गड़बड़ी के आरोप में जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह के आदेश पर जनवितरण प्रणाली के 35 दुकानदारों के लाइसेंस रद कर दिए गए थे। मामले में करीब दो दर्जन डीलरों पर प्राथमिकी दर्ज कर कराई गई थी। उन सभी पर पुलिस की कार्रवाई ठंडे बस्ते में है। लेकिन, सरकार की कोशिशों के बाद भी खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी की शिकायतें कम नहीं हो रही हैं। आपूर्ति पदाधिकारी महमूद आलम का कहना है कि राशन वितरण में गड़बड़ी करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। बताते चलें कि जांच की आंच दो प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी पर भी पड़ी थी। इसमें औराई व पारू के प्रखंड पदाधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि राशन वितरण में गड़बड़ी करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की गई है। भविष्य में भी इस तरह की गड़बड़ी करनेवालों पर कार्रवाई की जाएगी।  

खाद की कालाबाजारी से किसान परेशान

मुजफ्फरपुर। समय से अनुदानित खाद-बीज नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। खुदरा विक्रेताओं द्वारा अवैध रूप से इसका भंडारण कर मनमानी कीमत पर बेचा जा रहा है। छितरौली के किसान सकलदेव सिंह, सोनबरसा के दिलीप कुमार ठाकुर, सुबधिया के पप्पू सिंह, बबन सिंह, दिनेश झा, बसौली के रामऔतार भगत, शिवशंकर सिंह, लालबाबू सिंह, दिनेश सिंह समेत दर्जनों किसानों ने बताया कि सरकार द्वारा फसल लगाने के समय पर बीज उपलब्ध नहीं कराया जाता जिससे खेती प्रभावित होती है। इस कारण खुदरा दूकानों से ऊंची कीमत पर खाद- बीज की खरीदारी करने को किसान मजबूर हंै। वहीं, इस बार अत्यधिक बारिश होने से खेतों में पानी जमा रहने से रबी की तेलहन, दलहन समेत अन्य फसलें प्रभावित हुईं हैं। इससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। पानी जमा रहने से इन खेतों में अगली फसल होने की संभावना भी धूमिल होती दिख रही है। किसान सकलदेव सिंह व लालबाबू सिंह ने बताया कि इफको डीएवी 1250-1400 , पोटाश 20-22 रुपये, गेहंू बीज 40 किलो 1250-1600 खुलेआम बिक्री हो रही है। किसान ऊंचे दर के साथ गेहंू बीज में पैकिंग होने से अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। कुढऩी के प्रखंड कृषि पदाधिकारी ललन प्रसाद ने बताया कि विभिन्न कंपनी का उर्वरक मार्केट में होने के कारण खुदरा  दुकानदार द्वारा अधिक कीमत पर बिक्री करने की सूचना मिल रही है। किसानों से लाइसेंसी दुकान से खाद व रसीद लेने की बात कही, ताकि रसीद से उक्त लाइसेंसी दुकानदार पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने इफको 1100 व पोटाश 800-900 प्रति 40 किलो बैग बताते हुए अधिक लेने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई की बात कही।


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