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बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं यहां के वाशिंदे

मुजफ्फरपुर। मैं शाहपुर मरीचा पंचायत प्रखंड मुख्यालय कुढनी (तुर्की) से 14 किलोमीटर दक्षिण-पूरब

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 11:29 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 05:02 PM (IST)
बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं यहां के वाशिंदे
बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं यहां के वाशिंदे

मुजफ्फरपुर। मैं शाहपुर मरीचा पंचायत प्रखंड मुख्यालय कुढनी (तुर्की) से 14 किलोमीटर दक्षिण-पूरब दिशा में मनियारी थाना से दक्षिण 12 किमी, वैशाली जिले के सीमा क्षेत्र के चार किमी उत्तर अवस्थित हूं। मेरे अधीन मौजे शाहपुर मरीचा, छपकी, सुबधिया विशुनपुर राम समेत सुबधिया नूर व आरिजपुर है। यहां यादव, मुस्लिम, दुषाध, निषाद, लोहार, हजाम, धोबी, माली, राजपूत, भूमिहार पाच से पाच सौ परिवारों वाले समुदाय मिलाकर करीब 13 हजार की आबादी है। मेरी दशा सालों से दयनीय है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई व विभिन्न बुनियादी सुविधाओं से अधिकतर लोग वंचित हैं। मेरे बीचोंबीच नुन नदी बहती है। कालातर मे मेरी गोद के बीचोंबीच बहने वाली नदी के किनारे नमक (नुन) तैयार होता था। यहां का नमक बैलगाड़ी से स्टेशन पहुंचाया जाता था। वहां से देश के कोने-कोने में ये पहुंचाया जाता था। अब हालात यह हैं कि प्राकृतिक आपदा, प्रलयंकारी बाढ़ आने से सभी चीजें नष्ट हो गईं। अब सिर्फ नुन नदी बची है । पंचायत के मौजे छपकी गाव मे ¨हदू-मुस्लिम धार्मिक सौहार्द कायम है। वही स्थानीय पंसस ललन कुमार ने बताया की दो सौ वर्ष पूर्व ब्रिटिश शासनकाल में अचानक घरों में भीषण आग लग गई। उस समय आग पर काबू पाने का कोई संसाधन नहीं था। एक-दो ¨हदू व मुस्लिम महिलाओं ने एक ही स्थान पर बैठकर ईश्वर से प्रार्थना व दुआ की। इसी दौरान आसमान में बादल दिखे और मूसलाधार वर्षा होने लगी। सभी घरों की आग स्वत: बुझ गई। जहां ¨हदू महिला ने र्इंश्वर से पूजा की वहां एक पीपल का विशाल वृक्ष है। उसके पास मे ही मुस्लिम महिला ने जहां दुआ मागी वहां मस्जिद बनाई गई। वक्त गुजरता गया। ¨हदू पेड़ के नीचे पूजा-पाठ करते हैं। वहीं पास में मुस्लिम मस्जिद में नमाज अदा करते हैं। आज भी सामाजिक सौहार्द कायम है। आजादी के बाद पिछड़ा क्षेत्र होने से पूर्णरूप से पठन-पाठन की सुविधा नहीं थी। इससे अत्यधिक आबादी अशिक्षित है। इसी दौरान शिक्षा के प्रति प्रेरणा के रूप मे उभरे स्व. श्याम सुंदर राय, दीपनारायण राय, सीता सहनी, जामुन सिंह व स्व. लखन राय, वैधनाथ राय ने सामाजिक स्तर पर वर्तमान विद्यालय भवन से पाच दशक पूर्व झोपड़ीनुमा विद्यालय बनाया था। यहां से ग्रामीण युवाओं ने प्राथमिक शिक्षा हासिल कर उच्च शिक्षा के लिए बाघी स्टेट व मुजफ्फरपुर तक पहुंच कर डाक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, कर्नल, मेजर, इंस्पेक्टर तक अपने जीवन का सफर तय किया। पूर्व मुखिया मनोज कुमार ने बताया कि इस पंचायत में एक परिवार ऐसा हैं जिसमें अत्यधिक पुलिस विभाग में आज भी तैनात हैं। बताया कि ढाई सौ साल पहले अंग्रेजों ने एक कोठी बनाई थी। इसका नाम शाहपुर कोठी दिया। वहीं से आस-पास के किसानों से लगान की वसूली व नील की खेती करवाते थे। ब्रिटिश शासनकाल में जिला मजिस्ट्रेट राजस्व ग्राम शाहपुर मिरचा रखा। तथोपरात वक्त के साथ शाहपुर मरीचा के नाम से ख्याति मिली। पंचायत के बीचोंबीच मुजफ्फरपुर -महुआ होते हुए पटना को जाने वाला मुख्य मार्ग है। ये विकास की बांट जोह रही है। आजादी के बाद भी पंचायत की स्थिति उतनी अच्छी नहीं है, जितनी होनी चाहिए थी। पंचायत एक नजर में

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जनसंख्या --- 7098

महिला मतदाता --- 2560

पुरूष मतदाता---- 3440 ,

विद्यालय -- 06

आंगनबाड़ी केंद्र ----14

इंटरस्तरीय कॉलेज ---01

एपीएल परिवार -----918

बीपीएल परिवार ----156

बिजली कनेक्शन ----90

पक्की सड़कें -------- 10

ईट सोलिंग ------------08

ये लोग रहे उपस्थित

चौपाल में पप्पू, नरेंद्र कुमार, पंसस ललन कुमार, दीपक कुमार ठाकुर, बुल्लू यादव, मुन्ना कुमार, अरुण राय, राम ईश्वर राय, पूर्व मुखिया मनोज कुमार, दीपनारायण राय, कुलदीप राय, प्रमोद कुमार, दिलीप कुमार यादव, पूर्व पंसस रघुनाथ सहनी, सज्जन कुमार, श्यामा देवी, उप सरपंच माला देवी, मुजैर खातून, अबुजर खातून, मो. मोईन, त्रिलोकी कुमार, करण कुमार, अभिषेक कुमार, बच्चन पासवान, लालबाबु सहनी, राकेश सहनी, दिनेश राय आदि मौजूद रहे। मुखिया, हरिनंदन कुमार पप्पू ने बताया कि पंचायत में वर्षों बाद विकास की गाड़ी को पहिया लगा है। आजादी के इतने दिनों के बाद भी भेदभाव का माहौल है। इसे मिटाने को मै तटस्थ हूं। बुनियादी सुविधाओं का सरकार के अथक प्रयास के बावजूद धरातल पर शत-प्रतिशत योजनाओं का क्त्रियान्वयन नहीं हो सका है। कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर लाने को प्रयासरत हूं। पंचायत की सभी आम जनता के बीच अत्यधिक समय पंचायत भवन पर देते हुए सभी के हर कार्य मे मदद करता हूं। अगर थोड़ी बहुत शिकायतें होंगी उसे भी यथाशीघ्र दूर करने को तत्पर हूं।


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