इनका ओपन टू स्काई छत इस वजह से बना है शहर में चर्चा का विषय, ले रहे सन बाथ का आनंद
मोतिहारी शहर में मीनाबाजार मोहल्ले के एक नवनिर्मित घर में ओपन टू स्काई छत बनाई गई है। अपनी खूबियों के कारण यह शहरवसियों को खासा आकर्षित कर रहा है।
पूर्वी चंपारण, [धीरज श्रीवास्तव शानू]। लोग अपनी रचनात्मकता से क्या नहीं कर जाते। दुनिया में कई ऐसी इमारतें हैं जो अपनी अलग डिजाइनिंग के लिए जानी जाती हैं। पश्चिम चंपारण के जिला मुख्यालय मोतिहारी शहर में मीनाबाजार मोहल्ले का एक नवनिर्मित घर भी अपनी इसी खूबी के लिए चर्चित हो रहा है। यहां के दीपक अग्रवाल ने अपने घर की छत को ओपन टू स्काई बनवाया है, जो शहरवसियों को खासा आकर्षित कर रहा है।
प्रयोग के तौर पर शुरू किया, सबको आया पसंद
दीपक बताते हैं कि हाल में ही उन्होंने अपने पुराने घर को तोड़वाकर नया निर्माण शुरू करवाया है। अमूमन लोग घर को इस तरह से बनवाते हैं कि सूर्य की रोशनी उनसे दूर हो जाती है। जबकि सूर्य की रोशनी सेहत के लिए काफी जरूरी होती है। यही सोचकर उन्होंने अपने घर के सबसे ऊपरी तल्ले को ओपन टू स्काई कांसेप्ट पर बनवाया है। शुरू में उन्होंने इसे एक प्रयोग के तौर पर किया था। फिर ढांचा तैयार होने पर परिवार के साथ ही अन्य लोगों ने भी इसकी काफी तारीफ की। अब वे इस नये डिजाइन की छत की साज-सज्जा में जुटे हैं।
परिवार के साथ लेते सन बाथ
ओपन टू स्काई छत होने के कारण उनका परिवार आराम से सन बाथ ले पाता है। जिससे कई तरह की बीमारियां दूर रहती हैं। चिकित्सकों की मानें तो कोरोना से बचाव में सूर्य की रौशनी भी काफी कारगर होती है। ऐसे में इस लिहाज से भी यह छत काफी मुफीद साबित हो रहा है। दीपक बताते हैं कि इस छत के नीचे वे खूबसूरती के लिए रूफटॉप गार्डन भी बनवा रहे हैं।
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
चिकित्सक डॉ. मयंक कुमार की मानें तो ओपन टू एयर छत का कांसेप्ट स्वास्थ्य के लिहाज से भी बहुत बढिय़ा है। अमूमन इन दिनों जगह की कमी के कारण घरों की बनावट में स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ध्यान नहीं दिया जाता। घरों में न तो प्रॉपर वेंटिलेशन होता है और न ही सूर्य की किरणें ही ठीक से पहुंच पाती हैं। इस कारण ऐसे घरों में रहने वाले लोगो को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझना पड़ता है। ओपन टू एयर छत होने से सूर्य की किरणें पूरी तरह पहुंच सकती हैं। उन्होंने दीपक के इस कांसेप्ट की तारीफ करते हुए अन्य लोगो को भी ऐसे कंस्ट्रक्शन करवाने की सलाह दी है। वहीं शहर के ही कौशल सिंह ने दीपक के इस नए प्रयोग की सराहना करते बताया कि वे खुद भी अपने ऊपरी तल्ले पर इस तरह का कंस्ट्रक्शन करवाने की सोच रहे हैं।