मधुबनी के कैशवैन लूटकांड में मृतक गार्ड की पत्नी व पुत्र ने उठाए कई सवाल
Madhubani News कैश वैन के कस्टोडियन एवं चालक की भूमिका को संदिग्ध करार देते हुए जांच पर दिया जोरकहा- घटना के दिन मेमो पर साइन कर कागज पर ऑन ड्यूटी दिखाकर दूसरा कस्टोडियन था ड्यूटी से फरार ।
मधुबनी, जासं। जिला मुख्यालय में बाटा चौक के पास स्थित एक्सिस बैंक के गेट के सामने सड़क पर बीते 24 सितंबर को दिनदहाड़े सरेआम हुई कैश वैन डाकाकांड में अब तक पुलिस खाली हाथ है। हालांकि, पुलिस प्रशासन भी डकैतों को दबोचने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी अभियान चलाई जा रही है। अपुष्ट खबरों के मुताबिक पुलिस को कुछ हद तक इस मामले में सफलता भी मिल गई है।
हालांकि, पुलिस अब तक इस मामले का पर्दाफाश नहीं कर सकी है। अपुष्ट खबरों के मुताबिक पुलिस कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी कर रही है, लेकिन पुलिस ने फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं की है। इधर, मृतक गार्ड शिव कुमार राय के स्वजन अब तक अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोशित हैं। मृतक के स्वजनों ने कैश वैन डाकाकांड को लेकर कई सनसनीखेज बातें कही है। मृतक सुरक्षा गार्ड शिव कुमार राय की पत्नी कृष्णा देवी एवं पुत्र रोहित कुमार राय ने कंपनी के दो कस्टोडियन व ड्राइवर को लेकर कई चौंकाने वाली बातें कही है।
मृतक गार्ड की पत्नी कृष्णा देवी ने बताया कि पिछले 20 दिनों से वे काफी परेशान चल रहे थे। कैश वैन के दो कस्टोडियन और ड्राइवर उनके साथ कुछ दिनों से अपमानजनक व्यवहार भी कर रहे थे। कैश वैन का ड्राइवर उन्हें बाटा चौक से एलआईसी लेकर जाने में आनाकानी भी करता था। उक्त दोनों कस्टोडियन हमेशा कैश की सुरक्षा की जिम्मेवारी के साथ-साथ कैश ढ़ोने के लिए भी इन्हें ही कहा करते थे। गार्ड को गाड़ी में ही छोड़कर वे लोग इधर-उधर हो जाते थे। कई दिन तो बाइक से ही कैश ले जाया जाता था।
मृतक गार्ड के स्वजनों ने कंपनी, कैश वैन के ड्राइवर और दोनों कस्टोडियनों के घटना में भी कथित संलिप्तता की आशंका जताई है। वहीं, मृतक गार्ड के पुत्र रोहित कुमार राय ने कहा कि कैश वैन पर हमेशा दो कस्टोडियन रहते थे, लेकिन घटना के दिन मेमो पर साइन कर कागज पर ऑन ड्यूटी दिखाकर दूसरा कस्टोडियन ड्यूटी से फरार था। मृतक के स्वजन चाहते हैं कि पुलिस अधिकारी इस घटना को इस बिंदु से भी खंगाले तो लूट में शामिल सभी अपराधी जल्द पकड़े जा सकते हैं।
स्वजनों ने आक्रोश जताते हुए आरोप लगाया है कि डाकाकांड के बाद से एक भी बैंक कर्मी, सिक्योरिटी कंपनी या एलआईसी के कर्मी पीड़ित परिवार का हाल तक जानने नहीं आए हैं। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि मृतक गार्ड को शहीद का दर्जा मिले। स्वजनों को उचित मुआवजा व आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दिया जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो आम लोग जनआंदोलन पर उतारू हो जाएंगे।