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Westchamparan Flood News: प्रशासन ने नहीं सुनी बात, ग्रामीणों ने सड़क के लिए बढ़ाए हाथ

बगहा के मधुबनी प्रखंड की सिसई और चिउरही पंचायत की सड़कें व पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त। मुखिया की पहल पर आगे आए ग्रामीणों ने श्रमदान से की मिट्टी भराई।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 01:59 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 01:59 PM (IST)
Westchamparan Flood News: प्रशासन ने नहीं सुनी बात, ग्रामीणों ने सड़क के लिए बढ़ाए हाथ
Westchamparan Flood News: प्रशासन ने नहीं सुनी बात, ग्रामीणों ने सड़क के लिए बढ़ाए हाथ

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत में प्रशासन ने जब बात नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने श्रमदान कर आवागमन लायक बना दिया। करीब 12 किलोमीटर के दायरे में सड़क देखते-देखते दुरुस्त हो गई। बगहा अनुमंडल के मधुबनी प्रखंड की दो पंचायतों सिसई और चिउरही से बाढ़ का पानी तो निकल चुका है। लेकिन, सड़क और पुल-पुलियों को काफी नुकसान हुआ है। 

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 ग्रामीण बताते हैं कि हर साल बरसात में गंडक नदी बर्बादी के निशान छोड़ जाती है। इसमें ग्रामीण सड़कों को ज्यादा नुकसान होता है। एक महीना पहले बनी रेवहिया ढाले से सिसई होते हुए सोहगीबरवा जानेवाली सड़क को बाढ़ के पानी ने काफी नुकसान पहुंचाया। धनहा-रतवल मुख्य मार्ग में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए। इससे होकर आवागमन में काफी परेशानी हो रही थी। ग्रामीणों ने अधिकारियों को सूचित किया तो टका सा जवाब मिला। मनरेगा के तहत प्रस्ताव तैयार कराकर सड़कों की मरम्मत कराने की तसल्ली दी गई। अधिकारियों के टाल-मटोल से क्षुब्ध चिउरही के मुखिया वीरेंद्र यादव और सिसई के मुखिया बालमुकुंद गद्दी ने तय किया कि श्रमदान से सड़कों की मरम्मत करेंगे। 

नैनाहा की पुलिया की मरम्मत के लिए चल रहा काम

ग्रामीण जफरुद्दीन अंसारी, फरहत हुसैन, करामत गद्दी, लालबाबू यादव, महंत गद्दी, चोकट चौधरी, सीताराम यादव, महमूद आलम बताते हैं कि सोहगीबरवा के क्षतिग्रस्त पुलिया के पहुंच पथ की मरम्मत कर आवागमन के लायक तैयार कर दिया गया है। अब नैनाहा की पुलिया की मरम्मत के लिए काम चल रहा है। सरकार की इस पर नजर कब जाएगी, सो ग्रामीण अपने स्तर से गड्ढ़ों में मिट्टी आदि भरकर उसे आवागमन लायक बना रहे हैं।

ग्रामीणों के श्रमदान का दिख रहा असर

मुखिया बताते हैं कि हर बार बरसात के बाद सरकारी स्तर पर पुलियों व सड़कों की मरम्मत कराई जाती है। लेकिन, अभी पानी निकलने के बाद आने-जाने में दिक्कत हो रही थी। ग्रामीणों के साथ श्रमदान कर सड़कों की मरम्मत का प्रस्ताव रखा गया और वे सहर्ष तैयार हो गए। उनकी मेहनत का असर दिख रहा है। 

मधुबनी (पश्चिम चंपारण) के बीडीओ विनय कुमार सिंह ने कहा कि बाढ़ से टूटी सड़कों की मरम्मत सरकारी स्तर पर कराई जाएगी। संबंधित पंचायतों के मुखिया व पंचायत समिति सदस्यों से सूची मांगी गई है। ताकि, निर्माण कार्य के लिए अनुशंसा की जा सके। 


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