पीडि़ता ने लगाई न्याय की गुहार तो थानाध्यक्ष ने कहे अपशब्द, आहत युवती ने कर ली खुदकुशी
मृतका के स्वजनों ने पुलिस पर लगाया अापित्तजनक व्यवहार करने का आरोप। कटरा में युवती की खुदकुशी के मामले में नया मोड़। एएसपी ने जांच के बाद थानाध्यक्ष पर दिया प्राथमिकी का आश्वासन।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कटरा में युवती के साथ गलत काम करने, उसे धोखा देने और फिर खुदकुशी के मामले में नया मोड़ आ गया है। स्वजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उसके व्यवहार के कारण ही युवती ने इस तरह का कदम उठाया। पिता ने आरोप लगाया कि न्याय की गुहार लगाने पर थानाध्यक्ष का व्यवहार उनके व उनकी पुत्री के प्रति काफी आपत्तिजनक रहा। इससे आहत उनकी पुत्री ने खुदकुशी कर ली। इधर, मृतका शव गांव में पहुंचते ही कोहराम मच गया। स्वजनों के क्रंदन से माहौल गमगीन हो उठा। हालांकि प्रशासनिक चौकसी के कारण शव को घर पर नहीं ले जाकर सीधे अंतिम क्रिया के लिए गांव के बगीचे में ले जाया गया। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद थे।
गले में फंदा डालकर आत्महत्या कर ली थी
बता दें कि थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती ने मंगलवार को गले में फंदा डालकर आत्महत्या कर ली थी। इसके पूर्व उसने कटरा थानाध्यक्ष को फोन कर न्याय की गुहार लगाई थी। स्वजनों का आरोप है कि थानाध्यक्ष ने न्याय देने की बजाए अपशब्द कहते हुए डांट लगाई। घटना की सूचना पर थानाध्यक्ष सिकंदर कुमार, एएसआइ रमेंद्र कुमार पुलिस बल के साथ घटनास्थल को चले, लेकिन स्वजनों सहित ग्रामीणों का आक्रोश देख कर मार्ग में ही रुके रहे। एएसपी अमितेश कुमार के पहुंचने के साथ ही कटरा पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस को देख मौजूद लोग आक्रोशित हो गए और शव उठाने से रोक दिया। एएसपी ने उन्हें समझाया और न्याय दिलाने का भरोसा दिया। पूर्व में कराई गई प्राथमिकी की प्रति देखी और आरोपित सभी नौ आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई का आदेश एएसआइ प्रकाश कुमार को दिया।
थानाध्यक्ष पर भी लापरवाही के आरोप की जांच
पिता के बयान पर थानाध्यक्ष पर भी लापरवाही के आरोप की जांच के बाद प्राथमिकी करने का आदेश दिया। पिता का कहना है कि आरोपित जीतेंद्र पासवान पढ़ाई के दौरान उसे दरभंगा में साथ रखता था। गर्भवती होने पर उसके स्वजन एवं रिश्तेदारों ने मिलकर दरभंगा में ही बेहोश कर गर्भपात करवा दिया और सभी फरार हो गए। उसे दरभंगा से हमलोग लाकर आरोपित के घर पर जाकर ग्रामीणों के सहयोग से रख आए। लेकिन, एक सप्ताह बाद आरोपित से मिलकर कटरा पुलिस ने उसके घर से निकाल दिया। पुलिस ने आरोपित के दबाव मेंं काम किया। घटना के दिन सुबह में मैने थानाध्यक्ष को फोन कर बताया था कि आरोपित केस उठाने का दबाव दे रहे हैं अथवा ऐसा नहीं करने पर बाप- बेटी की हत्या करने की धमकी दे रहे हैं। तब थानाध्यक्ष उल्टे मुझे ही गाली देने लगे। यह सुनकर मेरी पुत्री ने भी फोन कर बताया तो उसके साथ भी बदसलूकी भाषा का प्रयोग किया। इसके बाद उसके पास कोई चारा नहीं बचा सिवाय खुदकुशी के। इसलिए थानाध्यक्ष मुख्य रूप से दोषी हैं। इधर, थानाध्यक्ष सिकंदर कुमार ने आरोप गलत बताया तथा अपने ऊपर किसी प्राथमिकी से इन्कार किया है। पीडि़त परिवार ने एसएसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाने की बात कही। अभी स्थिति नियंत्रण में है।