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सिर्फ वीसी-रजिस्ट्रार से विवि नहीं, प्रोवीसी भी काम के अधिकारी

विश्वविद्यालय में बड़े अफसर मतलब वीसी-रजिस्ट्रार। राजभवन को ऐसी शिकायतें मिली हैं जिसपर उसने कड़ा एतराज जताया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 03:11 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 03:11 PM (IST)
सिर्फ वीसी-रजिस्ट्रार से विवि नहीं, प्रोवीसी भी काम के अधिकारी
सिर्फ वीसी-रजिस्ट्रार से विवि नहीं, प्रोवीसी भी काम के अधिकारी

मुजफ्फरपुर । विश्वविद्यालय में बड़े अफसर मतलब वीसी-रजिस्ट्रार। राजभवन को ऐसी शिकायतें मिली हैं जिसपर उसने कड़ा एतराज जताया है। राजभवन का मानना है कि विश्वविद्यालयों में वीसी व रजिस्ट्रार के ही आदेश चलते हैं और उन्हीं का कहा सब मानते हैं। विश्वविद्यालय की कार्य व्यवस्था में प्रतिकुलपतियों का अपेक्षाकृत सहयोग नहीं लिया जाता है। यह इकलौते बीआरए बिहार विश्वविद्यालय का हाल नहीं है, बल्कि दूसरी जगहों पर भी एक परंपरा चल निकली है। प्रोवीसी को तवज्जो नहीं मिलने को लेकर राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है। दरअसल, 31 अगस्त को प्रतिकुलपतियों की बैठक में यह बात सामने आई कि विश्वविद्यालय में उन्हें उचित तवज्जो नहीं मिल रही। फलस्वरूप विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण कार्यो का ससमय निष्पादन में कठिनाई होती है। छात्र-छात्राएं अपनी शिकायतें लेकर उनके पास आते तो हैं, मगर उनके हाथ में कोई पावर नहीं होता। लिहाजा, कुलपति के बाद दूसरे ओहदे का अधिकारी होने प्रतिकुलपति को इस बात का बेहद मलाल

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कुलाधिपति सह राज्यपाल के अपर सचिव ने इस बारे में पत्र जारी किया है। लिखा है कि राजभवन ने कहा है कि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक हित को ध्यान में रखते हुए प्रतिकुलपतियों का हरसंभव सहयोग लिया जाए। खासकर विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति में आमंत्रित सदस्य के रूप में सम्मिलित करने व परीक्षा आयोजित करने तथा परीक्षाफल प्रकाशन आदि कार्यो में जरूर उनका सहयोग लिया जाए। इससे विश्वविद्यालय का शैक्षणिक कैलेंडर भी नियमित करने में मदद मिलेगी। कुलाधिपति के साथ बैठक में कई प्रतिकुलपतियों ने अपनी पीड़ा से अवगत कराया था। और, कहा था कि उचित तवज्जो नहीं मिलने का उन्हें काफी मलाल है। क्योंकि, इससे विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण कार्यो का ससमय निष्पादन में कठिनाई होती है। विश्वविद्यालय में यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (यूएमआइएस) लागू करने में भी उनका अपेक्षित सहयोग नहीं लिया जा रहा। विश्वविद्यालयों को कम्प्यूटरीकृत करने में प्रस्तावित यूएमआइएसलागू करने में कठिनाई हो रही है। बीआरएबीयू के प्रोवीसी, प्रो. राजकुमार मंडल ने कहा कि

राजभवन को यह सब बातें मालूम हैं। मैं क्या बोलू? हां, मुझसे पूछिएगा तो मैं तो यहीं कहूंगा कि मेरे साथ ऐसा सलूक नहीं होता। हां, दूसरी यूनिवर्सिटी में जरूर कुछ न कुछ शिकायतें हैं।


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